Vinayak Shukla: कानपुर के रहने वाले और कुलदीप यादव के बचपन के दोस्त हैं विनायक शुक्ला। एशिया कप 2025 में ओमान के लिए भारत के खिलाफ खेलने मैदान पर पहुंचे। शुक्ला ने भारतीय क्रिकेट में शुरुआती संघर्ष के बाद 2021 में अपना देश बदलकर ओमान में क्रिकेट के सपने को साकार करने का साहसिक निर्णय लिया।
बचपन और क्रिकेटिंग का सपना
Vinayak Shukla का क्रिकेट से जुड़ाव बचपन से ही था। उन्होंने कानपुर में क्रिकेट खेलना शुरू किया और धीरे-धीरे क्लब स्तर तक पहुँच गए। शुक्ला ने PSE के लिए खेलते हुए कई स्थानीय मैचों में कुलदीप यादव (जो Rovers Club के लिए खेलते थे) और रिंकू सिंह के साथ खेला। हालांकि राज्य स्तर पर पर्याप्त मौके नहीं मिलने के कारण शुक्ला ने अपने क्रिकेटिंग करियर के लिए देश भर में अवसरों की तलाश की।
धोनी हैं प्रेरणा
शुक्ला ने अपने आदर्श एमएस धोनी से प्रेरणा ली और बांग्लादेश की ओर से खेल चुके पूर्व भारतीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनोज तिवारी और अशोक डिंडा से मार्गदर्शन लिया। उन्होंने IPL के दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते समय पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक से भी मुलाकात की। इसके अलावा शुक्ला ने मयंक अग्रवाल और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे खिलाड़ियों के खिलाफ भी खेला।
ओमान में क्रिकेट का सफर
2021 में Vinayak Shukla ने अपना देश छोड़कर ओमान जाने का फैसला किया। उनके कोच प्रकाश पालेन्डे ने उन्हें सलाह दी कि अगर वह दो साल कड़ी मेहनत करेंगे तो तीन साल में ओमान के राष्ट्रीय टीम में मौका मिल सकता है। हालांकि ओमान में क्रिकेट आसान नहीं था। शुक्ला ने अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए डेटा ऑपरेटर की नौकरी भी की और दिन में काम करते हुए रात में अभ्यास किया।
शुक्ला की मेहनत रंग लाई और उन्होंने 2024 में कतर के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया। इस सफलता के साथ उनका सपना सच होने लगा।
एशिया कप में भारत के खिलाफ मुकाबला
ओमान ने 2025 में पहली बार एशिया कप में हिस्सा लिया। विनायक शुक्ला के लिए यह मौका बेहद खास है क्योंकि अब उन्हें भारत और अपने बचपन के दोस्तों कुलदीप यादव और रिंकू सिंह के खिलाफ खेलने का मौका मिला। शुक्ला ने बताया कि भारत में उनके और कुलदीप के बीच कई यादगार पल थे। “एक बार कुलदीप भाई ने मुझे गेंद फेंकी और मैंने उसे चौका मारा, तब उन्होंने कहा ‘ओह, बढ़िया शॉट!’ ये यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी,” शुक्ला ने कहा।
“मेरे लिए मौका खास”- विनायक
शुक्ला ने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ खेलना उनके लिए बहुत खास है। “मैं कभी भारत में खेल रहा था, और अब ओमान के लिए खेल रहा हूँ — इससे ज्यादा मैं क्या मांग सकता हूँ। जसप्रीत बुमराह, सुर्यकुमार यादव, कुलदीप और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों का सामना करना मेरे और ओमान के लिए बड़ा अवसर है। मैं खास तौर पर कुलदीप से व्यक्तिगत रूप से मिलने का इंतजार कर रहा हूँ।”
प्रेरणा और चुनौती
Vinayak Shukla की कहानी यह दिखाती है कि क्रिकेट में दृढ़ता, मेहनत और साहस कितने महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने देश को छोड़कर नए अवसरों की खोज की और कठिनाइयों का सामना किया। ओमान में कड़ी मेहनत, नौकरी और अभ्यास के बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
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Positive Takeaway
शुक्ला ने यह भी कहा कि भले ही ओमान एशिया कप में अब तक कोई जीत नहीं हासिल कर पाया हो, लेकिन उनके लिए यह अनुभव और सपनों की पूर्ति है। भारत के खिलाफ खेलना उनके करियर का एक अहम मोड़ है। विनायक शुक्ला की कहानी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणादायक है, जो बताती है कि यदि आप अपने सपनों को पाने के लिए साहस और मेहनत करें तो कोई भी चुनौती आपको रोक नहीं सकती।