Under Water Metro: क्या आपको पता है देश में पहली अंडर बॉटर मेट्रो किस शहर में च लती है। अगर नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं। लगातार टेक्नोलॉजी की तरफ बढ़ते भारत में अब पानी के अंदर भी मेट्रो का रन होने लगा है। कोलकाता मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2024 में इस पहली अंडर वॉटर मेट्रो को हरी झंडी दिखाई थी। आइए विस्तार से जानते हैं इस इस अंडर वाटर मेट्रो ट्रेन के बारे में।
नदी के 30 मीटर अंदर दौड़ती है ट्रेन
कोलकाता की अंडरवॉटर मेट्रो का निर्माण हुगली नदी के नीचे किया गया है। यह मेट्रो लाइन 16.5 किलोमीटर लंबी है जो हावड़ा को पूर्वी तट पर स्थित सॉल्ट लेक शहर से जोड़ती है। इस मेट्रो का 10.8 किलोमीटर हिस्सा जमीन के अंदर है। यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है, जिसमें मेट्रो रेल नदी के नीचे सुरंग से गुजरती है।
यह सुरंग हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच दो स्टेशनों को जोड़ती है। हावड़ा मैदान और एस्प्लेनेड के बीच की सुरंग की कुल लंबाई 4.8 किलोमीटर है। इसमें से 1.2 किलोमीटर टनल हुगली नदी में 30 मीटर नीचे स्थित ह। यह देश की किसी भी बड़ी नदी के नीचे बनाई गई पहली ट्रांसपोर्ट टनल है। इसके अलावा, हावड़ा मेट्रो स्टेशन देश का सबसे गहरा स्टेशन भी है।
क्या है किराया ?
कोलकाता के इस अंडरवाटर मेट्रो का किराया 5 रुपये से शुरू होता है। जैसे-जैसे दूरी बढ़ेगी किराया भी बढ़ता चला जाता है। सबसे लंबी दूरी का किराया 50 रुपए तक ही पहुंचता है। देश में पहली बार यात्रियों को अंडर वॉटर मेट्रो में सफर करने का अनुभव मिल रहा है। पानी के नीचे मेट्रो केवल 45 सेकंड में नदी के नीचे 520 मीटर के हिस्से को पार कर लेती है।
किससे से बनी है बॉडी ?
पानी के नीचे चलने वाली इस मेट्रो ट्रेन की बॉडी को खास जंगरोधक स्टील से तैयार किया गया है। इसके लिए जिंदल स्टेनलेस ने कोलकाता मेट्रो को SS-301LN स्टेनलेस स्टील दिया था। यह स्टेनलेस स्टील का एक खास प्रीमियम ऑस्टेनिटिक ग्रेड है। इसका उपयोग कोलकाता मेट्रो के अलग-अलग पार्ट्स को बनाने में किया गया है। स्टेनलेस स्टील टिकाऊ और जंग-प्रतिरोधी होती है, इसलिए इसे रेगुलर रेपेयरिंग और मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ती।