Ullas Saksharta Abhiyan: छत्तीसगढ़ में कोई भी अब अनपढ़ नहीं रहेगा। प्रदेश सरकार ने कुछ ऐसी पहल की है जिससे छत्तीसगढ़ शत प्रतिशत लिट्रेसी की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में उल्लास साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है । इसके तहत एक लाख उल्लास साक्षरता केंद्र खोले गए हैं। आइए जानते ये अभियान किनके लिए और कैसे काम करेगा।
क्या है उल्लास साक्षरता अभियान?
उल्लास साक्षरता अभियान एक साक्षरता कार्यक्रम है जिसके तह राज्य सरकार ने 10 लाख लोगों को साक्षर करने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत उन लोगों को साक्षर किया जाएगा जिनकी उम्र 15 साल से ज्यादा है। योजना के तहत वो लोग आएंगे जिन्होंने किसी ना किसी कारण से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। 15 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति इस अभियान से जुड़कर अपनी पढ़ाई फिर से शुरु कर सकता है।
सारक्षता केंद्र में होगी पढ़ाई
इस योजना के तहत लोगों को पढ़ाने के लिए अलग से साक्षरता केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों को शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने राज्य साक्षरता मिशन के तहत एक लाख स्वयं सेवी शिक्षकों को चुना है। हर स्वयं सेवी शिक्षक अपने केंद्र में 10 लोगों को साक्षर करेंगे। इस तरह से राज्य में 10 लाख लोगों को साक्षर बनाने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य
उल्लास साक्षरता अभियान के तहत राज्य के बहुत से जिलों में यह कार्यक्रम लागू कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के तहत, राज्य साक्षता मिशन ने शत प्रतिशत साक्षरता लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए शिक्षक स्थानीय भाषा और रोजमर्रा के कामों के उदाहरण देकर लोगो को शिक्षित करेंगे। इतके तह कानून की सामान्य जानकारी और बाजार में लेन-देन से जुड़ी शिक्षा भी दी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में उल्लास साक्षरता अभियान का शुभारंभ 9 सितंबर 2024 को रायपुर में सीएम विष्णुदेव साय ने किया था।