Tribal Instrument Competition: ओडिशा में राष्ट्रीय सांस्कृतिक,साहित्यिक महोत्सव और कला महोत्सव का आयोजन किया गया था। जिसके अंतर्गत “जनजातीय वाद्ययंत्र” प्रतियोगिता (Tribal Instrument Competition)भी कराई गई। इस प्रतियोगिता में पूरे देश से जनजातीय वाद्य यंत्र कलाकार हिस्स लेते हैं। इस बार यह कॉम्पिटिशन 12 से 15 नवंबर के बीच भुवनेश्वर में आयोजित की गई थी। जिसमें छत्तीसगढ़ के दो बालकों ने तीसरा स्थान हासिल करके प्रदेश का मान बढ़ाया है।
किसने जीती प्रतियोगिता?
इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के दो बालकों खुशहाल और पोखराज ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ का जनजातीय वाद्य निशान बाजा या गुदुंम बजाकर शानदार प्रस्तुति दी। कक्षा आठवी में पढ़ने वाले दोनों बच्चे वाद्ययंत्र में पारंगत हैं। पारंपरिक परिधानों में जब उन्होंने निशान बाजा की धाप छेड़नी शुरु की तो हर कोई उनकी कला को देखता ही रह गया।
सीएम विष्णुदेव साय ने दी बधाई
दोनों बच्चों की इस उपलब्धि पर सीएम विष्णुदेव साय ने भी बच्चों को बधाई दी है। सीएम ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। आपको बता दें ये बच्चे गरियाबंद जिले के कोसामबुड़ा के एकलव्य आवासीय विद्यालय में कक्षा आठवी में पढ़ाई कर रहे हैं।
क्या होता है निशान या गुदुंम बाजा
निशान या गुदुंब बाजा छत्तीसगढ़ का एक जनजातीय वाद्य है। यह गड़वा बाजा साज का ही एक वाद्य है। दिखने में यह छोटे गड़वा बाजा की तरह ही दिखाई देता है। इसे लोहे की कढाई जैसी संरचना पर चमड़ा मढ़ कर तैयार किया जाता है। रस्सी की मदद से लोहे के चारों तरफ कसकर लगाया जाता है। इसमें एक छेद होता है जिससे समय समय पर अरंडी तेल डाला जाता है। इसे टायर के टुकड़े या जानवर के सिंग से बजाया जाता है।