State Symbol of Chhattisgarh: भारत के राजकीय चिन्ह की तरह देश के हर राज्य का अपना प्रतीक चिन्ह है। प्रतीक चिन्हों में राज्य की खासियत को समाहित किया जाता है। क्या आपने कभी (State Symbol of Chhattisgarh)छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिन्ह को ध्यान से देखा है। राज्य का प्रतीक राज्य गठन के बाद 4 सितंबर 2001 को स्विकृत हुआ था। उसमें शामिल की गई आकृतियों के क्या मायने है? आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं छत्तीसगढ़ के प्रतीक चिन्ह में राज्य की किन किन चीजों को शामिल किया गया है।
बीच में है अशोक स्तंभ
राज्य के प्रतीक चिन्ह में सबसे बीच में लाल रंग का अशोक स्तंभ बना हुआ है। अशोक स्तंभ के नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ होता है। ये दोनों ही प्रतीक छत्तीसगढ़ की अपने राष्ट्री के प्रति सत्यनिष्ठा को प्रदर्शित करता है।
धान की बालियों से घिरा अशोक स्तंभ
इस प्रतीक चिन्ह में जो बूटे के समान अशोक स्तंभ को घेरे हुए आकृति दिखाई देती है वो धान की बालियां हैं। ये बालियां दिखाती है कि धान छत्तीसगढ़ के लिए कितना महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ के राज्य प्रतीक में धान की बालियां राज्य के लिए धान की महत्ता को साबित करती हैं।
तिरंगे के 3 रंगों का उपयोग
धान की बालियों के ठीक नीचे तिरंग के तीन रंगों नारंगी, सफेद और हरे रंग की लहराती हुई रेखाएं दिखाई देती हैं। ये रेखाएं छत्तीसगढ के जल संसाधन और नदियों को दर्शाती हैं
नीली आकृतियों के क्या हैं मायने?
तिरंगे की तीन रेखाओं के दोनों तरफ की नीली रेखाएं राज्य के विद्युत उत्पादन को दर्शाता है। आपको बता दें छत्तीसगढ़ देश का पहला जीरो पॉवर कट राज्य है।
शामिल हैं छत्तीसगढ़ के 36 किले
प्रतीक चिन्ह की आखिरी परिधी में आपको हरे रंग की छोटी आकृतियां दिखेंगी। ये आकृतियां छत्तीसगढ के 36 किले हैं। जिनके नाम से कभी राज्य को छत्तीसगढ़ नाम मिला था। साथ ही इन किलों को दिया गया हरा रंग राज्य की वन संपदा की संपन्नता को दर्शाता है।