Somnath Jyotirling: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के बारे में जाने सबकुछ!

Somnath Jyotirling: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, जिसे ‘श्री सोमनाथ महादेव’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में प्रथम और प्रमुख माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। इसके पौराणिक इतिहास की जड़ें पुराणों और वेदों में गहरी हैं।

पौराणिक कथा

मान्यता है कि प्रजापति दक्ष की पुत्री सती के योग बल से देह त्यागने के बाद भगवान शिव ने सती के शव को लेकर तांडव किया था। भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए, जो पृथ्वी पर विभिन्न स्थानों पर गिरे। उन स्थानों को शक्तिपीठ कहा जाता है। वहीं, सोमनाथ (Somnath Jyotirling) में भगवान शिव ने सोम (चंद्रमा) को श्रापमुक्त किया था। चंद्रमा को अपने ससुर प्रजापति दक्ष के श्राप से मुक्ति पाने के लिए शिव की तपस्या करनी पड़ी थी। तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें श्रापमुक्त किया और यहाँ ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए।

मंदिर की वास्तुकला

सोमनाथ मंदिर (Somnath Jyotirling) की वास्तुकला अपने आप में अनूठी है। यह मंदिर सात बार पुनर्निर्मित हुआ है। मौजूदा संरचना 1951 में सरदार वल्लभभाई पटेल की पहल पर बनी थी। इसका निर्माण चालुक्य शैली में किया गया है, जो सुंदरता और वास्तुकला की दृष्टि से अद्वितीय है। मंदिर का शिखर 150 फीट ऊँचा है और उसके शीर्ष पर 10.6 मीटर ऊँचा ध्वज लगा हुआ है।

कैसे पहुँचें

1. हवाई यात्रा

सबसे नजदीकी हवाई अड्डा दीव है, जो सोमनाथ से लगभग 85 किलोमीटर दूर है। दूसरा नजदीकी हवाई अड्डा राजकोट है, जो लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

2. रेल यात्रा

सोमनाथ रेलवे स्टेशन वेरावल से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो विभिन्न प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

3.सड़क मार्ग

सोमनाथ सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप गुजरात राज्य परिवहन की बसें या टैक्सी किराए पर लेकर यहाँ पहुँच सकते हैं।

रहने की व्यवस्था

सोमनाथ में अनेक धर्मशालाएं, होटल और रिसॉर्ट्स उपलब्ध हैं, जो बजट के अनुसार विभिन्न विकल्प प्रदान करते हैं। मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित धर्मशालाएं भी साफ-सुथरी और सुविधाजनक होती हैं।

मंदिर दर्शन के समय

मंदिर प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक खुला रहता है। दर्शन का समय नियमित होता है, परन्तु विशेष अवसरों पर समय बदल सकता है। आरती का समय प्रातः 7:00 बजे, दोपहर 12:00 बजे और सायं 7:00 बजे है।

करीब के दूसरे पर्यटन क्षेत्र

बाणगंगा: यह पवित्र जलधारा सोमनाथ मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

त्रिवेणी संगम: यह स्थल तीन पवित्र नदियों – कपिला, हिरण्या और सरस्वती का संगम स्थल है।

लाइट एंड साउंड शो: सोमनाथ मंदिर में प्रतिदिन संध्या समय लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है, जो मंदिर के इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है।

ध्यान देने योग्य बातें

  • मंदिर में मोबाइल फोन, कैमरा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने की अनुमति नहीं है।
  • मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले जूते-चप्पल बाहर उतारने होते हैं।
  • मंदिर में दर्शन के लिए सादा और शालीन वस्त्र पहनना उचित होता है।

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Positive सार

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व भी इसे एक अद्वितीय स्थान बनाते हैं। यहाँ की यात्रा आत्मिक शांति और दिव्यता का अनुभव कराने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं का गहरा परिचय कराती है। सोमनाथ की यात्रा निश्चित रूप से हर व्यक्ति के जीवन में एक अविस्मरणीय अनुभव होती है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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