Sanskrit language: भारतीय भाषाओं का आधार है ‘संस्कृत’

Sanskrit language: संस्कृत सिर्फ एक भाषा नहीं है। ये भारतीय लोगों की परंपरा का एक हिस्सा है। आज भी हमारे रीति-नीति, अनुष्ठान बिना संस्कृत मंत्रों के पूरे नहीं होते हैं। संस्कृति की अपनी एक अलग समृद्ध विरासत है जो हर भारतीय का हिस्सा है। क्या आप जानते हैं क्यों संस्कृत भाषा खास है?

भाषा नहीं संस्कार है संस्कृत

संस्कृत का अर्थ है ‘परिपूर्ण भाषा’ यानि कि perfect language. संस्कृत एक भाषा के तौर पर काफी समृद्ध है, दुनियाभर में बोली जाने वाली लगभग 95 फीसदी भाषाओं का जन्म संस्कृत से हुआ है। तो हम मान सकते हैं कि 3000 हजार साल प्राचीन संस्कृत भाषा लगभग 6000 से ज्यादा भाषा और बोलियों की जननी है।

वेदों में लिखा है संस्कृत का महत्व

संस्कृत भाषा (Sanskrit language) का महत्व वेदों में लिखा है। वेदों में संस्कृत को अपौरुषेय कहा गया है। अवौरुषेय का अर्थ है ‘जिसकी रचना देवों ने की है। आज भले ही चांद, तारों से लेकर ब्रम्हांड तक की जटिलता को सुलझाने में सफलता हासिल कर ली गई हो, पर संस्कृत का जन्म एक बड़ा रहस्य है। अगर हम ये कहें कि संस्कृत हमारे संस्कारों में शामिल है तो ये गलत नहीं होगा।

वर्तमान दौर में संस्कृत

संस्कृत भाषा (Sanskrit language) 21वीं सदी में एक अलग स्वरूप में हमारे सामने है। दरअसल कोडिंग काफी कठिन मानी जाती है लेकिन संस्कृत का उपयोग CODING में किया जा रहा है। NASA इस पर रिसर्च कर रही है। संस्कृत भाषा की कई खासियत हैं जैसै- संस्कृत के वाक्य को हम या उल्टा पढ़ें या सीधा ये एकदम सही होगी। जैसै- “लड़का स्कूल में सरल संस्कृत पढ़ता है।“ इसे अगर हम लिखें  “स्कूल लड़का पढ़ता है सरल संस्कृत…” तब इसका हिंदी में कोई मतलब नहीं होगा। लेकिन संस्कृत में इसे “बालक: विद्यालये सरलम् संस्कृतम् पठ्ति।“ या फिर “पठति सरलमं संस्कृतम् विद्यालये बालक:” लिखने पर भी यह शुद्ध होगा। इसके अलावा संस्कृत की DICTIONARY काफी समृद्ध और विश्व में सबसे बड़ी है।

READ MORE इस गांव में आज भी बोली जाती है संस्कृत!

Positive सार

संस्कृत भाषा (Sanskrit language) स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। संस्कृत बोलकर योग प्राणायाम का लाभ लिया जा सकता है। संस्कृत के शब्दों को RECITE करने पर सांसों का RYTHM बैलेंस होता है। बिल्कुल अनुलोम-विलोम की तरह। शब्दों का उच्चारण अपने आप में प्राणायाम का अभ्यास है। ये MIND को CALM और BALANCE करने में मदद करती है। आज संस्कृत भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल है। हमें इस बात का गर्व है कि संस्कृत हमारी मातृभाषा है, ये हमारी जन्मभूमि से उपजी है और हमारी जड़ों से जुड़ी है।

Avatar photo

Rishita Diwan

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Owner/Editor In Chief: Dr.Kirti Sisodia 

Office Address: D 133, near Ram Janki Temple, Sector 5, Jagriti Nagar, Devendra Nagar, Raipur, Chhattisgarh 492001

Mob. – 6232190022

Email – Hello@seepositive.in

FOLLOW US​

GET OUR POSITIVE STORIES

Uplifting stories, positive impact and updates delivered straight into your inbox.