Ram Mandir Anniversary: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को एक साल पूरे होने को है। 22 जनवरी 2025 को मंदिर की स्थापना के एक वर्ष पूरे हो जाएंगे। ऐसे में राम नाम की गूंज और जोरों से सुनाई दे रही है। आमंत्रण, सजावट, कलश, मिट्टी, प्रसाद और जल जैसी कई चीजें मंदिर पहुंच रही हैं। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए उत्तराखंड से भी एक खास प्रकार का गंगा जल अयोध्या भेजा गया था। जानते हैं क्या थी उस जल की खासियत
हरकीपैड़ी ब्रह्मकुंड का जल
उत्तराखंड से भगवान श्रीराम के बालस्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा के लिए हरिद्वार के हरकीपैड़ी ब्रह्मकुंड से कलशों में गंगा जल अयोध्या के लिए भेजा गया था। यहां से भगवान राम के लिए जल भेजने को बड़े पैमाने पर श्रद्धालु पहुंचे थे। खास बात ये थी कि जल लेने के दौरान आकाश से हेलिकॉप्टर के द्वारा पुष्पवर्षा भी की गई थी। कई घंटों तक पूरा हरकीपैड़ी क्षेत्र जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा था।
क्यों खास है ब्रह्मकुंड का गंगा जल?
ब्रह्मकुंड घाट को लेकर कई मान्यताएं हैं। इनमें से एक है कि सबसे पहले राजा श्वेत द्वारा ब्रह्माजी को तपस्या से प्रसन्न कर यहां विराजमान होने के लिए वरदान मांगा गया था, जिसमें सृष्टि के रचयिता ब्रह्माजी यहां पर विराजमान हुए और इस कारण इसका नाम ब्रह्मकुंड घाट पड़ा। वहीं एक और मान्यता के अनुसार भगीरथ द्वारा घोर तपस्या यहां पर की गई जिसमें मां गंगा भगवान विष्णु के चरणों से ब्रह्मा के कमंडल, कमंडल से भगवान शिव की जटाओं और उनकी जटाओं से धरती लोक पर पहाड़ियों से होते हुए सबसे पहले मैदानी क्षेत्र हरिद्वार में उतरी थीं। एक और मान्यता कहती है कि यहां देव-दानवों में समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश के लिए युद्ध किया गया, जिसमें से अमृत की बूंदें छलक कर सबसे पहले हरिद्वार में आ गिरीं थीं। यही वजह है कि यहां के जल को सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। इतनी पवित्र होने की वजह से ही यहां के जल से अयोध्या में भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में अभिषेक किया जाएगा।
28 नदियों का पानी पहुंचा अयोध्या
भगवान श्री राम के अभिषेक के लिए जहां ब्रह्मकुंड का गंगा जल लाया गया था है वहीं दूसरी तरफ 28 पवित्र नदियों का जल भी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंगवाया गया था। इसके अलावा मंदिर में गेस्ट के रूप में आने वाले मेहमानों को अयोध्या की मिट्टी के साथ ही सरयू नदी का पानी भी उपहार स्वरूप भेंट किया गया था।
Positive सार
जल को भारतीय पुराणों और संस्कृति में पूज्यनीय माना गया है और जब बात गंगा नदी की हो रही हो तो ये पौराणिक, धार्मिक और आध्यात्मिक सब हो जाता है। भगवान राम के लिए हर कोने से कुछ न कुछ जरूर भेजा गया ऐसे में ब्रह्मकुंड के जल ने जल राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को और भी खास और पवित्र बना दिया था।