Navratri 2025: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक रहस्यमयी मंदिर है, जहां मां निरई की पूजा के लिए महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह अनोखा मंदिर साल में केवल एक बार, चैत्र नवरात्रि के दौरान, खुलता है और सिर्फ 5 घंटे के लिए भक्तों को दर्शन के लिए खुला रहता है। यहां सिर्फ पुरुष ही पूजा-अर्चना कर सकते हैं, जो इस मंदिर को एक विशेष स्थान देता है।
मंदिर का इतिहास और मान्यता
मंदिर मोहेरा के आस-पास निरई पहाड़ी पर स्थित है, जो रायपुर से 109 किलोमीटर दूर है। हर वर्ष की तरह, इस वर्ष भी निरई माता का मंदिर 14 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए सुबह 4 बजे से लेकर 9 बजे तक खोला जाएगा। इस दिन जातरा भी होती है, जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं के लिए बलि चढ़ाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है, और कहा जाता है कि यहां आने से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं।
चमत्कारिक ज्योति की कहानी
इस मंदिर की एक विशेषता यह है कि यहां की ज्योति बिना किसी तेल के जलती है। यह चमत्कारिक ज्योति 9 दिनों तक जलती रहती है, और इसे निरई देवी का चमत्कार माना जाता है। ग्रामीणों का मानना है कि यह ज्योति हर साल चैत्र नवरात्र के दौरान अपने आप जलती है, और इसकी रहस्यमय प्रकृति भक्तों की श्रद्धा को और भी बढ़ा देती है।
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इस अनोखे मंदिर की कहानी न केवल आस्था और विश्वास की प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां की पूजा और मान्यताएं श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती हैं।