Kondagaon Road: कोंडागांव के एक गांव के युवाओं ने मिलकर वो कर दिखाया तो वहां की पंचायत भी ना कर सकी। गांव के 30 युवकों के समूह ने 3 रातों तक लगातार काम करके 2 किलोमीटर सड़क बना डाली। गांव की खस्ताहाल सड़क आए दिन हादसों का कारण बन रही थी। गांव की पंचायत भी इस ओर ध्यान नहीं दे रही थी। युवाओं को ये काम करने की प्रेरणा एक फौजी से मिली।
फौजी की प्रेरणा से शुरु किया काम
फौजी शुकलाल नेताम जो असम में पदस्थ हैं, छुट्टियों पर घर आए हुए थे। उन्होंने ही युवाओं को सड़क बनाने की प्रेरणा दी। गांव के लोग खराब सड़क की शिकायत आए दिन पंच-सरपंच और प्रशासन से करते थे। फौजी शुकलाल नेताम ने उन्हें प्रेरणा देते हुए कहा कि जो काम हम खुद कर सकते हैं उसके लिए दूसरों पर क्यों निर्भर रहना। इसके बाद गांव के ही 30 युवकों ने अपना समूह बनाया और 3 रात में 2 किलोमीटर सड़क बना दी। सभी युवक दिनभर अपने-अपने काम में जाते और वापस आने के बाद रात में सड़क बनाने का काम करते थे।
चंदा कर खरीदा कच्चा माल
सड़क बनाने के लिए युवक तो तैयार हो गए लेकिन अब बात थी फंड की। सड़क बनाने के लिए लगने वाले कच्चे माल के लिए पैसों की जरूरत थी। इसके लिए पूरे गांव से चंदा इकट्ठा किया गया। थोड़ी-थोड़ी राशि जमा करके पंद्रह हजार रुपए जमा किए गए। वहीं किसी ने अपना ट्रैक्टर दिया तो किसी ने अपने घर से बिजली का कनेक्शन। फौजी शुकलाल नेताम ने भी कुछ पैसों की मदद की और इस तरह से जनभागीदारी से गांव की सड़क का निर्माण पूरा हुआ।
हादसों पर लगेगी लगाम
कोंडागांव का यह गांव काफी सुदूर इलाके मे है। कोंडागांव से इशकी दूरी 12 किलोमीटर है वहीं राजधानी रायपुर से गांव 200 दूर है। गांव से बाहर निकलने के लिए सिर्फ एक कच्ची सड़क है वो भी बारिश के बाद खराब हो जाती है। कच्ची होने की वजह से सड़क को समय समय पर मरम्मत की जरूरत होती है। हाल ही में सड़क की हालत इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी कि आए दिन हादसे होने लगे थे। अब सड़क बन जाने से हादसों पर भी लगाम लगेगा।