Karo Kanya Mata: छत्तीसगढ़ के कई प्रचीन मंदिर स्थापित हैं। सभी मंदिरों के पीछे अपनी-अपनी पौराणिक मान्यताएं और लोक कथाएं प्रचलित हैं। इनमे से कई मंदिर ऐसे हैं जिन्हें अब भी बहुत कम लोग ही जानते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक में मां कारो कन्या का मंदिर। माता के इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है यहां बना शिवलिंग, जो छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा मानव निर्मित शिवलिंग है।
72 फीट उंचा है शिवलिंग
माता के मंदिर में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई इतनी ज्यादा है कि यह शिवलिंग की किलोमीटर दूर से ही दिखाई देने लगता है। इस भव्य शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट और मोटाई 52 फीट है। शिवलिंग के अंदर गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित हैं। गर्भगृह के अंदर जयकार लगाने या मंत्रोच्चार करने से आवाज कई बार गुंजती हैं।
शिवलिंग के साथ स्थापित हैं कई मंदिर
कारो कन्या मंदिर कई मंदिरों का समूह है। इन मंदिरों में कारो कन्या माता का मंदिर प्रमुख है। माता कारो कन्या मां आदिशक्ति की तीन अवस्ताओं के रूप में विराजित हैं। मंदिर में मां का कुंवारी कन्या का रूप, युवावस्था का रूपऔर वृद्धावस्ता का रूप माना जाता है। साथ में माता लक्ष्मी, मां काली और मा सरस्वती की मूर्तियां भी स्थापित है। इसके साथ ही सीता, राम और लक्ष्मण के साथ हनुमान जी का मंदिर भी बनाया गया है।
स्वयंभू हैं मां कारो कन्या
बताया जाता है माता कारो कन्या को स्थापित नहीं किया गया है बल्की माता स्वयं भू है। माता रानी नीम के पेड़ के नीचे से खुद प्रकट हुई थीं। बाद में लोगों की मन्नत पूरी होने के बाद लोगों की आस्था बढ़ने पर मंदिर का निर्माण कराया गया। गांव के बुजुर्ग बताते हैं माता कारो कन्या यहां 100 साल से भी ज्यादा समय से स्थापित हैं। माता तीन रूप में भूगर्भित हुई थीं उसी रूप में आज मंदिर में विराजित हैं।
मनोवांछित फल देने वाली हैं माता
कहते हैं आस-पास के गांव वालों की मां कारो कन्या पर गहरी आस्था है। बताया जाता है पहले के समय में किसी भी किसान की मवेशी गुम हो जाने पर माता से प्रार्थना करने पर मवेशी मिल जाया करती थी। कई बार ऐसा भी हुआ है कि खोई हुई गाय, बैल या भैंस कारो कन्या मंदिर में ही मिल जाया करती थी। आज भी मा कारो कन्या और विशाल शिवलिंग के लिए आस्था में कमी नहीं आई है। यहां पर नवरात्री और शिवरात्री में भक्तों का तांता लगा रहता है।