Janjatiya Gaurav Diwas: 15 नवंबर को पूरे देश में “जनजातीय गौरव दिवस” मनाया जाता है। इस दिन आदिवासियो के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती होती है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी जनजातीय गौरव दिवस के (Janjatiya Gaurav Diwas)मौके पर भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 14 और 15 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सिर्फ राज्य के ही नहीं बल्की देशभर के जनजातीय समुदाय के लोग लोक कला का प्रदर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी करेंगे शुभारंभ
2 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअली करेंगे। कार्यक्रम में पूरे देश से आए करीब 400 आदिवासी कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। जनजातीय गौरव दिवस 2024 की थीम सामाजिक, आर्थिक विकास, आजीविका एवं उद्यमिता, कला संस्कृति एवं धरोहर, शिक्षा और कौशल विकास स्वास्थ्य एवं जीवनशैली रखी गई है। कार्यक्रम का उद्देश्य आदिवासियों के हितों का संरक्षण करना और उन्हें जागरूक करना है।
17 राज्यों के कलाकार होंगे शामिल
इस कार्यक्रम में देश के 17 राज्यों के आदिवासी कलाकार जुटेंगे। ये कलाकार अपने-अपने राज्यों की आदिवासी संस्कृति और लोक कला की छटा बिखेरेंगे। इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश का भील भगोरिया लोक नृत्य, अरुणाचल प्रदेश का आदि लोक नृत्य नाटिका, मेघालय का गारो लोक नृत्य तथा नागालैंड के आओ नागा लोक नृत्य के साथ ही कई आदिवासी संस्कृति की प्रस्तुती होगी।
क्यों मनाया जाता है “जनजातीय गौरव दिवस” ?
जनजातीय गौरव दिवस बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को मनाया जाता है। बिरसा मुंडा और आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए थे। स्वतंत्रा संग्राम में आदिवासियों के योगदान और बलिदान के सम्मान में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। जनजाती दिवस मनाने का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति का सम्मान करना और उनकी परंपराओं को संरक्षित करना है।