Jagannath Ratn Bnhandar: 46 साल बाद खुला रत्न भंडार, जानें महत्व!

Ratn Bnhandar: ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को खोला गया। खास बात ये है कि ये रत्न भंडार आखिरी बार 46 साल पहले खुला था। 14 जुलाई 2024 को ‘रत्न भंडार’ खोला गया। क्या आप जानते हैं क्या है रत्न भंडार का ऐतिहासिक महत्व और यहां से क्या निकला।

रत्न भंडार से क्या निकला?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ व पुरी के राजाओं को दान किए गए अत्यंत दुर्लभ आभूषण और युद्ध में मिलीं बहुमूल्य चीजें रखी हुई थीं। इसे खोलने के बाद यहां से करीब 40 साल से बंद राजाओं को दान किए गए सबसे दुर्लभ आभूषण मिले हैं। पुरी के राजा के सामने आत्मसमर्पण करने वाले राजाओं के मुकुट और युद्ध में मिलीं बहुमूल्य वस्तुएं भी भंडार में रखी गई थीं।

जगन्नाथ पुरी का महत्व

जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और इसे भगवान जगन्नाथ (भगवान विष्णु के अवतार) के निवास के रूप में जाना जाता है। यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ स्थित “रत्न भंडार” (खजाना कक्ष) के कारण भी चर्चा में रहता है।

रत्न भंडार का इतिहास और महत्व

रत्न भंडार का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था, जब गंगा वंश के राजा अनंगभीम देव ने जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया था। रत्न भंडार मंदिर के भीतर स्थित एक सुरक्षित कक्ष है, जिसमें भगवान जगन्नाथ के विभिन्न आभूषण, गहने और बहुमूल्य पत्थर रखे गए हैं। इसके साथ ही यहां पुरी के राजा के सामने आत्मसमर्पण करने वाले राजाओं के मुकुट और युद्ध में मिलीं बहुमूल्य वस्तुएं भी भंडार में रखी गई थीं।

अनुमति के बाद ही खोला जाता है रत्न भंडार

रत्न भंडार की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसे खोलने के लिए सात चाबियों की जरूरत होती है, जो अलग-अलग अधिकारियों के पास रखी जाती हैं। इन चाबियों का उपयोग एक साथ किया जाता है, ताकि रत्न भंडार को खोला जा सके।

रत्न भंडार का रहस्य

रत्न भंडार के बारे में कई रहस्यमयी और दिलचस्प कहानियाँ प्रचलित हैं, मान्यता के अनुसार यहां रत्न भंडार में रखे गए आभूषणों और बहुमूल्य पत्थरों का मूल्यांकन अभी तक पूर्ण रूप से नहीं किया गया है, लेकिन यह माना जाता है कि यहाँ अपार धन संपदा है। समय-समय पर रत्न भंडार की जांच की जाती है, लेकिन इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है। 2018 में रत्न भंडार की जांच की गई थी, लेकिन किसी विशेष जानकारी का खुलासा नहीं किया गया।

रत्न भंडार की मौजूदा स्थिति

वर्तमान में, रत्न भंडार की सुरक्षा और देखरेख मंदिर प्रबंधन और ओडिशा सरकार द्वारा की जाती है। रत्न भंडार की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक सुरक्षा उपकरणों और तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

रत्न भंडार न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। भगवान जगन्नाथ के आभूषण और गहने मंदिर के विभिन्न धार्मिक उत्सवों और अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन आभूषणों को भगवान की मूर्तियों पर सजाया जाता है, जिससे मंदिर की शोभा और धार्मिक वातावरण में वृद्धि होती है।

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Positive सार

जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार एक रहस्यमयी और आकर्षक धरोहर है। इसकी अपार संपत्ति और धार्मिक महत्व इसे अद्वितीय बनाते हैं। रत्न भंडार की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके। रत्न भंडार का रहस्य और इसका धार्मिक महत्व इसे एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थल बनाते हैं, जो भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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