Indian democracy: भारतीय लोकतंत्र को कितना जानते हैं आप?

Indian democracy: हाल ही में भारत में आम चुनाव हुए। 18 वीं लोकसभा के लिए हुए इस चुनाव पर पूरी दुनिया की नजर थी। इसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव भी कहा जाता है। इस चुनाव के द्वारा जनता ने अपने नेता का चुनाव किया। प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और सांसदों ने अपने पद और गोपनियता की शपथ ली। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि हमारे लोकतंत्र को इतना विशेष क्यों कहा गया है। अगर नहीं तो जानते हैं क्यों भारतीय लोकतंत्र विशेष है और इसके महत्वपूर्ण तत्व कौन-कौन से हैं।

एक ऐतिहासिक परंपरा

भारतीय लोकतंत्र (Indian democracy) एक ऐतिहासिक परंपरा है, जिसने दुनिया को अपनी विविधता और स्थिरता से प्रेरित किया है। यह एक सशक्त और व्यापक लोकतंत्र है जिसमें नागरिकों को स्वतंत्रता के साथ अपने भविष्य का निर्धारण करने की स्वतंत्रता मिलती है। भारतीय संविधान द्वारा स्थापित यह लोकतंत्र एक व्यापक चुनौतियों और संवेदनशीलताओं से भरा हुआ है।

विशेष प्रक्रियाओं से परिपूर्ण

भारतीय लोकतंत्र का मौलिक अवलोकन करते हुए, हमें यहां संविधानिक तंत्र, पारंपरिक न्यायपालिका, और निर्वाचन प्रक्रियाएँ दिखाई देती हैं। संविधान ने सरकारी शक्तियों को प्रत्येक नागरिक के अधीन स्थापित किया गया है। इसमें ये सुनिश्चित किया है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार और व्यवस्थित संवैधानिक प्रक्रियाएँ हों। भारतीय लोकतंत्री (Indian democracy) की विशेषताओं को हम इस तरह से समझ सकते हैं।

संविधानीय व्यवस्था: भारतीय संविधान द्वारा स्थापित एक समृद्ध और व्यापक संविधानीय व्यवस्था है, जो सभी नागरिकों को समान अधिकार और स्वतंत्रता प्रदान करती है।

विविधता: भारतीय लोकतंत्र विविधता में समृद्ध है, जिसमें भाषा, धर्म, और संस्कृति के अनेकता को समाहित किया गया है।

निर्वाचन प्रक्रिया: व्यापक और स्वतंत्र निर्वाचन प्रक्रिया द्वारा, नागरिकों को सरकारी निर्णय में भागीदारी का अवसर मिलता है।

स्वतंत्र मीडिया: स्वतंत्र मीडिया भारतीय लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सार्वजनिक नीतियों पर सहयोग करता है और समाज में जागरूकता फैलाता है।

भारतीय लोकतंत्र का ऐतिहासिक परिपेक्ष्य

भारतीय लोकतंत्र का विकास भारत के आदि वैदिक काल से ही है। जब समाज में गणराज्य की प्रथा थी। महाभारत, रामायण, और अन्य पुराणों में इसका उल्लेख मिलता है। गुप्त साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य, और गुलाम वंश के बाद भी, लोकतंत्र की प्राथमिकता रही। ब्रिटिश साम्राज्य के अधीनता के बाद, स्वतंत्रता संग्राम ने भारतीय समाज में लोकतंत्र के सिद्धांतों को मजबूत किया।

वर्तमान परिपेक्ष्य में भारतीय लोकतंत्र

आधुनिक भारत में, लोकतंत्र ने अपनी व्यापकता और शक्ति बढ़ाई है। भारतीय संविधान ने नागरिकों को समान अधिकार दिए हैं। संविधानीय निकायों, न्यायपालिका, और स्वतंत्र मीडिया के माध्यम से, लोकतंत्र ने सामाजिक न्याय, विकास, और समरसता को बढ़ावा दिया है।

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Positive सार

भारतीय लोकतंत्र (Indian democracy)  की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह भी है कि यह एक व्यापक और सक्रिय नागरिक समुदाय को प्रोत्साहित करता है। नागरिक समुदाय विभिन्न स्तरों पर सरकारी निर्णयों को प्रभावित करता है, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करता है और सार्वजनिक नीतियों में सहयोग करता है। इसके बावजूद, लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए समाज को सक्रिय रहना चाहिए। जनसंख्या के वृद्धि, सामाजिक असमानता, और राजनीतिक विवादों के सामाजिक प्रभावों को समझकर हमें लोकतंत्र के संरक्षण और समृद्धि के लिए कार्य करना होगा।

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Rishita Diwan

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