Hindu Nav Varsh 2024: क्यों मनाते हैं हिंदू नव वर्ष, क्या है मान्यता?

Hindu Nav Varsh 2024: 9 अप्रैल 2024 को हिंदू नव वर्ष की शुरूआत होगी। भारत के अलग-अलग हिस्सों में लोग अलग-अलग तरह से सेलीब्रेट करते हैं। जानते हैं क्या है हिंदू नव वर्ष और इसकी गणना कैसे होती है साथ ही ये भी जानेंगे कि इसके पीछे क्या मान्यता है?

हिंदू नव वर्ष

हिंदू नव वर्ष या हिंदी नव वर्ष दोनों ही एक हैं। इसे ही भारतीय नव वर्ष भी कहा जाता है। दरअसल ये अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से नहीं होता है। ये विक्रमी संवत के अनुरूप होता है। 9 अप्रैल को विक्रम संवत 2081 की शुरुआत हो रही है। बता दें कि विक्रम संवत की शुरुआत आज से 2080 साल हुई थी। 57 ईसा पूर्व राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने इसे शुरू किया था। आसान शब्दों में कहें तो हिंदुओ के कैलेंडर की शुरुआत इसी दिन की गई थी और यही वजह है कि अंग्रेजी साल में 57 जोड़कर विक्रमी संवत की संख्या निकाली जाती है।

कब होती है शुरूआत?

हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) हिंदी महीने के चैत्र के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होती है। जिसका मतलब होता है पहली तिथि। इसी दिन हिंदू नव वर्ष यानी नव संवत्सर शुरु होती है। उत्तर भारत में नवरात्रि की शुरूआत इसी दिन होती है। आदि शक्ति की घटस्थापना कर नौ दिन की पूज अर्चना की जाती है सुख समृद्धि की शुरूआत का प्रतीक होता है नव वर्ष।

देश में कहां-कहां मनाया जाता है हिंदू नव वर्ष?

हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) पूरे भारत में मनाया जाता है। बस इसका स्वरूप बदल जाता है। जैसे उत्तर भारत में नवरात्रि की शुरूआत इसी दिन से होती है तो महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप में इसे मनाया जाता है। कर्नाटक में इसे उगादी पर्व के रूप में मनाते हैं। तमिलनाडु में पुथंडु, असम में बिहू, पंजाब में वैसाखी, उड़ीसा में पना संक्रांति और पश्चिम बंगाल में नबा वर्षा के रुप में इसे सेलीब्रेट किया जाता है।

प्रचलित है मान्यता

ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी। ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन संसार में सूर्य देव का उदय हुआ था। वहीं ये भी कहा जाता है कि भगवान राम ने इसी दिन बालि वध किया था।

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Positive सार  

हिंदू नव वर्ष (Hindu Nav Varsh) सुख, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति में इसका बहुत महत्व है। सूर्य की पहली किरण के उदय के साथ इसकी शुरूआत होती है, जो प्रकृति के अनुरूप है। इस समय पतझड़ की विदाई होती है और नई कोंपलें आती है। वृक्षों पर फूल नजर आने लगता है ऐसे लगता है जैसे प्रकृति किसी बदलाव की खुशी मना रही है। आप सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं।

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Rishita Diwan

Content Writer

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