First Film Of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ी फिल्म जिसमें रफी ने दी थी आवाज

First Film Of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में फिल्म सिटी बनने को मंजूरी मिल गई है। अब छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री देश भर में अपनी पहचान बनाएगी। क्या आप जानते हैं कि छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री कितनी पुरानी है और छत्तीसगढ़ी में पहली फिल्म कब बनीं थी। आइए हम आपको बताते हैं छत्तीसगढ़ी में बनी पहली फिल्म और उससे जुड़ी कुछ रोचक बातें।

कौन सी है पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म?

छत्तीसगढ़ में पहली फिल्म 1965 में आई थी। जिसका नाम था “कही देबे संदेस” थी। ये फिल्म अनमोल चित्रमंदिर प्रोडक्शन तले बनाई गई थी। इस फिल्म को बनने में 27 दिन लगे थे। इस फिल्म में कान मोहन और सुरेखा ने मुख्य किरदार थे। इस फिल्म की कहानी सामाजिक रूप से जागरूकता लाने और बुराइयों को दूर करने पर आधारित थी। फिल्म में जातिगत भेदभाव को खास तौर पर दिखाया गया था।

कौन थे निर्माता और निर्देशक?

कही देबे संदेस के डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर तीनों ही मानुनायक जी ने किया था। मनु नायक का जन्म रायपुर के कुर्रा में हुआ था। लेकिन बाद मे वो मुंबई चले गए थे. 1970 में जब दूसरी भाषाओं में भी फिल्मों का निर्माण शुरु हुआ तब उन्होंने छत्तीसगढ़ी में फिल्म बनाने की सोची और इस तरह कही देबे संदेस का निर्माण हुआ। यही कारण है कि इन्हें  छत्तीसगढ़ी फिल्म के जनक भी कहा जाता है।

मोहम्मद रफी जैसे कलाकारों ने किया काम

आपको बता दें कही देबे संदेस में उस समय के दिग्गज कलाकार जैसे  मोहम्मद रफी, महेंद्र कपूर, मन्ना डे, सुमन कल्याणपुर ने काम किया था। फिल्म के गीत काफी मशहूर हुए थे। फिल्म के गीतों में संदेस दिए जाने के कारण ही फिल्म का नाम कही देबे संदेस रखा गया था। इस पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ने खूब नाम कमाया था। कहते हैं कि फिल्म को इंदिरा गांधी ने भी देखा था और तारीफ भी की थी।

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Rishita Diwan

Content Writer

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