Empowering Rural Lives: गायत्री ठाकुर, बड़ेकिलेपाल, तहसील बास्तानार की एक युवा महिला, जिन्होंने आत्मनिर्भरता और सफलता की ओर प्रेरणादायक कदम बढ़ाए। एमए और कंप्यूटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने ग्रामीणों को डिजिटल सेवाएं प्रदान करने का सपना देखा। हालांकि, सरकारी नौकरी की असफलता ने उन्हें हताश नहीं किया, बल्कि स्वरोजगार की राह दिखाई।
गांव में स्वरोजगार की शुरुआत
गायत्री ने गांव के लोगों को डिजिटल सेवाओं के लिए शहरों तक जाने की जरूरत खत्म करने के उद्देश्य से अपना च्वाइस सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई। पूंजी की कमी के चलते उन्हें चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन उद्योग विभाग की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर, उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, जगदलपुर से संपर्क किया। मई 2022 में उन्हें बैंक ऑफ बड़ौदा, किलेपाल से ₹2 लाख का ऋण स्वीकृत हुआ।
गायत्री का कार्य और सेवाएं
अपने च्वाइस सेंटर में गायत्री आयुष्मान कार्ड, श्रमिक कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज बनाती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने बैंक सखी के रूप में क्षेत्रीय लोगों को बैंकिंग सेवाएं देना शुरू किया। हर महीने 2-3 लाख रुपये का लेनदेन करके वह लोगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा कर रही हैं।
युवाओं को रोजगार
गायत्री न केवल खुद आत्मनिर्भर बनीं, बल्कि दो अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया। अब वह आधार पंजीकरण और जाति-निवास प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन में आवेदन कर चुकी हैं।
गायत्री की भविष्य की योजनाएं
हर महीने 15-20 हजार रुपये की आमदनी से गायत्री अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रही हैं। उनका उद्देश्य है कि अधिक से अधिक सेवाएं देकर ग्रामीणों को सुविधाएं प्रदान की जाएं और स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाए।
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सरकार के प्रति आभार
गायत्री ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वरोजगार स्थापित कर अपनी जिंदगी को नई दिशा दी। वह सरकार की योजनाओं के प्रति आभार व्यक्त करती हैं और दूसरों को भी इनसे लाभ उठाने की प्रेरणा देती हैं।