DY Chandrachud: कौन-कौन से फैसलों के लिए जाने जाते हैं CJI चंद्रचूड़?

DY Chandrachud:  भारत के सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का 8 नवंबर को आखिरी वर्किंग डे था। चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। 10 नवंबर को उनके एक वकील, सुप्रीम कोर्ट जज और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में जिम्मेदारियों से भरे करियर पर विराम लग जाएगा। उनकी जगह सीनियर जज जस्टिस संजीव खन्ना नए चीफ जस्टिस बनेंगे।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud)का कार्यकाल हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने देश के कई अहम और संवेदनशील मुद्दों पर फैसला दिया है। जिसमें राम मंदिर और धारा-377 जैसे मामले शामिल हैं। आइए जानते हैं सीजेआई चंद्रचूड़ के निजी जीवन और उनके करियर से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य के बारे में

चीफ जस्टिस के कुछ ऐतिहासिक फैसले

राम जन्मभूमि मामला- सीजेआई चंद्रचूड़ के बड़े फैसलों में सबसे अहम श्री राम जन्मभूमि का मामला माना जाता है। जिन पांच जजों की संविधान पीठ ने  राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था उस पीठ में डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। यह फैसला नवंबर 2019 में आया था जिसमें कहा गया था विवादित भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को सौंप दिया जाए।

धारा-377 को खत्म करना- उनके द्वारा दिए गए कुछ अहम फैसलों में धारा -377 को खत्म करना भी शामिल है। इस धारा  में समलैंगिकता को क्राइम बताया गया था। धारा खत्म होने के बाद आपसी सहमती से समलैंगिक संबंध अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया।

सबरीमाला फैसला- सीजेआई ने 2018 में सबरीमाला को लेकर अहम फैसला दिया था। उन्होंने सबरीमाला से जुड़ा एक प्रतिबंध हटाया था जिसके तहत 10-50 साल की बच्चियों और महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।।

चुनावी बॉन्ड पर दिया फैसला- चंद्रचूड़ (DY Chandrachud)उन पांच जजों की पीठ में शामिल थे जिन्होंने चुनावी बॉन्ड पर फैसला सुनाया था। यह फैसला राजनीतिक फंडिंग के लिए केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ सुनाया गया था।

डीवाई चंद्रचूड़ के पिता भी रहे CJI  

डीवाई चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी चीफ जस्टिस के पद पर रह चुके हैं। उनके नाम सबसे लंबे समय तक भारत के CJI रहने का रिकॉर्ड दर्ज है। वाय वी चंद्रचूड़ 1978 से 1985 तक जस्टिस के पद पर रहे। वहीं डीवाई चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 को मुख्य न्यायाधीश बने और 10 नवंबर 2024 तक 2 सालों तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रहे। डीवाई और वायवी चंद्रचूड़  पिता-बेटे की इकलौती जोड़ी है जिन्होंने चीफ जस्टिस के रूप में काम किया है।  

दो बेटे भी हैं वकील

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पहली पत्नी के दो बेटे हैं अभिनव चंद्रचूड़ और चिंतन चंद्रचूड़। दोनों बेटे भी पेश से वकील हैं। चंद्रचूड़ की पहलीपत्नी रश्मी का लंबी बीमार के बाद निधन हो गया था। उसके काफी समय बाद उनहोंने कल्पना दास से शादी की थी।

2 स्पेशल चाइल्ड को लिया गोद

डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास ने दो बेटियों को गोद लिया है। बच्चियों का ना प्रियंका और माही है। दोनों ही बच्चियां स्पेशल चाइल्ड हैं। इसलिए डीवाई खुद को चार बच्चों का पिता कहते हैं। उनके जीवन से जुड़ी ये बातें उन्हें काफी अलग बनाती है। चीफ जस्टिस के अलावा भी अपने निजी जीवन में भी वो कई लोगों के आदर्श हैं।

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Rishita Diwan

Content Writer

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