Dhan Kalakar: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां धान की सबसे ज्यादा किस्मों की खेती होती है। यहां के ज्यादातर पारंपरिक पकवान भी धान यानी चावल से बनाए जाते हैं। यहां धान उपयोग सिर्फ खाने के लिए नहीं बल्की पूजा पाठ और लोक कला में भी किया जाता है। प्रदेश की इसी संस्कृति को संजो रहे हैं चंदन साहू, जो धान कलाकार (Dhan Kalakar)के नाम से मशहूर हो चुके हैं।
कौन हैं चंदन साहू?
चंदन साहू एक छोटे से गांव बोरई के रहने वाले हैं और किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। चंदन को बचपन से ही छत्तीसगढ़ लोक कला, लोक गीतों और लोग नृत्य में काफी रुचि रही। उन्होंने छत्तीसगढ़ी लोक कला में पढ़ाई करने की सोची लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से ये संभव नहीं था। बाद में उनके एक शिक्षक ने उनकी कला को पहचाना और उन्हें इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ में एडमिशन दिलाया। जिसके बाद चंदन ने यहां से लोक संगीत में पढ़ाई पूरी की।
कैसे बने धान कलाकार? (Dhan Kalakar)
धान कलाकार के रूप में पहचाने जाने वाले चंदन साहू को यह पहचान उनकी कला ने दिलाई है। लोक कला में पारंगत चंदन साहू धान से सुंदर कलाकृतियां बनाते हैं। उन्होंने कहीं से इसकी ट्रेनिंग नहीं ली है। पहले के समय में भी धान से कई आकृतियां और छूमर बनाए जाते थे जिन्हें “चिरई चुगनी” कहते हैं। चंदन ने उसमें अपना रंग डालकर उन्हें कुछ अलग रूप दिया है। चंदन, धान से देवी की आकृतियां, देवी का श्रृंगार, राखी, धान की ज्वेलरी के साथ कई कलाकृतियां बनाते हैं।
प्रदर्शनी में होते हैं शामिल
चंदन अपनी कला का प्रदर्शन कई बड़े प्रदर्शनियों में कर चुके हैं। धान से बने सुंदर डेकोरेटिव पीस और ज्वेलरीस को वो ऑनलाइन भी सेल करते हैं। उनके द्वारा बनाई गई धान की कलाकृतियों को देखने और छत्तीसगढ़ी लोक कला को आगे बढ़ाने के लिए आप उन्हें इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं। वो इंस्टाग्राम पर चंदू साहू और धान कलाकारी के नाम से मौजूद हैं।