Head Line- Constitution Day: किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए उसका संविधान एक मजबूत और सबसे महत्वपूर्ण आधार होता है। संविधान लोकतंत्र की आत्मा कहलाती है। हमें गर्व है कि भारत दुनिया कासबसे बड़ा लोकतंत्र है । आज यानी 26 नवंबर 2024 को हमारे संविधान को बने 75 साल पूरे हो चुके हैं। यही वो दिन है जब संविधान सभा ने देश के संविधान को अंतिम रूप दिया था। आइए जानते हैं संविधान दिवस का इतिहास और इससे जुड़ी कुछ जानकारियां
क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस ?
पूरा भारत 26 जनवरी को संविधान लागू होने पर गणतंत्रता दिवस मनाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि संविधान 2 महीने पहले 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन 1949 में देश ने अपने संविधान को आधिकारी तौर पर अपनाया था। 2015 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान रचने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती पर संविधान दिवस मनाने की घोषणा की। संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य देश वासियों को संवैधानिक मूल्यों के लिए जागरूक करना है।
2 महीने बाद क्यों लागू हुआ था संविधान
संविधान निर्माताओं ने 26 नवंबर 1949 को ही देश के संविधान को अंतिम रूप दे दिया था। लेकिन इसे लागू करने के लिए 2 महीने का इंतजार किया गया और 26 जनवरी 1950 को पूर्ण रूप से लागू कर दिया। जिसे हम गणतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। ये समय इसलिए लगा क्योंकी इस दौरान संविधान को हिंदी से इंग्लिश में ट्रांसलेट किया गया था। साथ ही इस बीच संविधान का आम लोगों के बीच प्रचार- प्रसार किया गया था।
कितने दिनों में तैयार हुआ संविधान?
संविधान तैयार करना आसान काम नहीं था। संविधान बनाने के लिए कुल 166 बैठकें की गई थी और इसे अंतिम रूप देने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। संविधान देश के नागरिकों को उनका अधिकार और न्याया दिलाने का मुख्य आधार है। संविधान में वो सभी मूलभूत मूल्य शामिल है जो एक लोकतंत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी होता है।