Birsa Munda Chauk: 15 नवंबर को पूरे देश में जनजतीय गौरव दिवस मनाया गया। जनजातीय गौरव दिवस आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। साल 2024 में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर दिल्ली के एक चौक का नाम बिरसा मुंडा के नाम पर रखकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी गई।
किस चौक का बदला गया नाम?
दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदला गया है। अब यह चौक “भगवान बिरसा मुंडा चौक” के नाम से जाना जाएगा। इस बात का ऐलान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ठक्कर ने किया। चौक के पास बांसेरा उद्यान में गृह मंत्री अमित शाह ने बिरसा मुंडा की बड़ी प्रतिमा का भी अनावरण भी किया। भगवान बिरसा मुंडा चौक दिल्ली के अतरराष्ट्रीय बस टर्मिनल के पास है। इस तरह से यहां गुजरने वाले देश और देश के बाहर के लोग भी बिरसा मुंडा को जानेंगे और उनके संघर्ष से प्रेरणा लेंगे।
कौन हैं भगवान बिरसा मुंडा ?
धरती आबा कहलाने वाले बिरसा मुंडा बिहार-झारखंड में आदिवासियों के भगवान कहलाते हैं। उनकी जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस की शुरुआत की थी। तब से हर साल 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के संघर्ष और उनके बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए गौरव दिवस मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करना है। गौरव दिवस के जरिए पूरा देश आदिवासी समृद्ध संस्कृति से रुबरू होता है।
एक साल तक मनाया जाएगा गौरव दिवस
मुंडा की जयंती (Birsa Munda) के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि- ” 15 नवंबर 2025 तक आगामी एक वर्ष ‘आदिवासी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा।” अमित शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वें जयंती वर्ष पर केंद्र सरकार ने सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ करने का निर्णय भी लिया है।

