Bastar Tourism: चित्रकोट और ढूढमारस गांव को राष्ट्रीय सम्मान!

Bastar Tourism: 27 सितंबर 2024 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित ‘द बेस्ट टूरिस्ट विलेज कॉम्पिटिशन 2024’ के तहत छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के ढूढमारस और चित्रकोट गांवों को विशेष राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन का प्रतीक है और राज्य की सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय धरोहर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है।

एडवेंचर टूरिज्म में ढूढमारस गांव की पहचान

ढूढमारस गांव को एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है। इस गांव में पर्यटकों के लिए रोमांचक गतिविधियों की विशेष व्यवस्था है, जिसमें रॉक क्लाइंबिंग, ट्रेकिंग और जंगल सफारी शामिल हैं। यहां आने वाले पर्यटक बस्तर की खूबसूरत घाटियों और प्राचीन जंगलों के बीच रोमांचक अनुभव का आनंद उठा सकते हैं।

सामुदायिक पर्यटन में चित्रकोट का उत्कृष्ट प्रदर्शन

चित्रकोट गांव, जो अपने विश्वप्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के कारण जाना जाता है, को सामुदायिक आधारित पर्यटन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है। चित्रकोट को ‘भारत का नियाग्रा’ कहा जाता है, और यह स्थल स्थानीय जनजातीय समुदायों की भागीदारी से सामुदायिक पर्यटन का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहां के लोग पर्यटकों को अपने संस्कृति, हस्तशिल्प और पारंपरिक जीवनशैली से परिचित कराते हैं, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त किया जाता है।

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरणीय संपदा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस उपलब्धि पर राज्य की जनता, अधिकारियों और स्थानीय समुदायों को बधाई दी और इसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरणीय संपदा की विजय करार दिया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य छत्तीसगढ़ को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना है। इसके लिए राज्य सरकार धार्मिक, इको और मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्रों में भी व्यापक विकास योजनाएं चला रही है।”

पर्यटन विकास की दिशा में मुख्यमंत्री का विजन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने धार्मिक पर्यटन के तहत पांच प्रमुख शक्तिपीठों – सूरजपुर का कुदरगढ़, चंद्रपुर का चंद्रहासिनी मंदिर, रतनपुर का महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ का बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा का दंतेश्वरी मंदिर – का विकास करने की योजना बनाई है। साथ ही, राज्य में इको टूरिज्म और मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के लिए व्यापक कार्ययोजनाएं बनाई जा रही हैं।

पर्यटन के नए आयाम: राज्य की समृद्धि की कुंजी

छत्तीसगढ़ का पर्यटन न केवल राज्य की संस्कृति और परंपराओं की पहचान को मजबूत कर रहा है, बल्कि पर्यावरणीय पर्यटन को भी नए आयाम दे रहा है। चित्रकोट और ढूढमारस गांव का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होना इस बात का प्रमाण है कि राज्य का पर्यटन क्षेत्र न केवल विकास कर रहा है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित भी कर रहा है। मुख्यमंत्री का विजन पर्यटन को राज्य की समृद्धि और विकास का प्रमुख साधन बनाना है, जिससे न केवल राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिले, बल्कि स्थानीय समुदायों की भी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो।

छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि राज्य के पर्यटन क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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