Bastar Dhudmaras:सर्वश्रेष्ट पर्यटन गांव बना बस्तर का धुड़मारास

 Bastar Dhudmaras: छत्तीसगढ का बस्तर अब देश और दुनिया में अपनी अगल पहचान बना रहा है। कभी बस्तर सुनते ही लोगों के मन में नक्सलियों का खौफ आता था। लेकिन अब बस्तर अपनी सुंदर वादियों, वॉटर फॉल और टूरिस्ट प्लेसेस के लिए जाना जाने लगा है। बस्तर के गांव धुड़मारास ( Bastar Dhudmaras) छत्तीसगढ का बस्तर अब देश और दुनिया में अपनी अगल पहचान बना रहा है।

कभी बस्तर सुनते ही लोगों के मन में नक्सलियों का खौफ आता था। लेकिन अब बस्तर अपनी सुंदर वादियों, वॉटर फॉल और टूरिस्ट प्लेसेस के लिए जाना जाने लगा है। बस्तर के गांव धुड़मारास को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने सर्वश्रेष्ट पर्यटन गांव के उन्नयन कार्यक्रम के लिए सिलेक्ट किया है।

कहां है धुड़मारास गांव ?

आपको बता दें यूनाइटेड नेशन्स वर्ड टूरिजम ऑर्गेनाइजेशन (UNWTO) ने पूरे विश्व से 20 गांवों को सर्वश्रेष्ट पर्यटन गांव के रूप में चुना है। छत्तीसगढ़ के लिए ये गर्व की बात है कि ग्लोबल लेवल  पर बस्तर के इस गांव को चुना गया है। धुड़मारास बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कोटमसर के पास स्थित है। इस गांव को हाल ही में बेस्ट टूरिज्म विलेज का अवॉर्ड भी मिला था।

धुड़मारास को क्या फायदा होगा?

धुड़मारास पहले ही अपनी प्राकृति सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए छत्तीसगढ़ में पहचान बना चुका है। अब सर्वश्रेष्ठ गांव के रूप में चुने जाने से धुड़मारास अब और भी तेजी से विकास करेगा। पर्यटन से जुड़े संसाधनों तक अब गांव की पहुंच और भी आसान होगी। ग्लोबली पहचान मिलने से यहां के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन बढ़ने से ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे। इस तरह से गांव के लोगों का जीवन स्तर भी सुधरेगा।

धुड़मारास में क्या है खास ?

धुड़मारास अपने प्राकृतिक नजारों और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां के लगभग 90 फीसदी ग्रामीणों का रोजगार पर्यटन से ही जुड़ा हुआ है। होम स्टे में आपको आदिवासी संस्कृति दोनों को ही करीबी से अनुभव करने का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि यहां के सभी होम स्टे महिलाओं द्वारा चलाए जाते हैं। धुड़मारास में आपको बैंबू राफ्टिंग से लेकर कयाकिंग जैसे एडवेंचर करने का भी मौका मिलेगा।

सीएम विष्णुदेव साय ने दी बधाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव राय ने धुड़मारास को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। उन्होंने पर्यटन विभाग, बस्तर जिला प्रशासन और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारी और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा- “इस उपलब्धि  का श्रेय धुड़मारास के ग्रामीणों को जाता है। उहोंनेपारंपरिक ज्ञान और संसाधनों को संरक्षित रखते हुए इसे आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाई। बस्तर की आदिवासी जीवनशैली, वहां का पारम्परिक खानपान, हरियाली और जैव विविधता से समृद्ध  गांव पर्यटकों के लिए आकर्षक और रोमांच दोनों ही है।”

ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो- https://www.youtube.com/watch?v=sA7d7TEyqfY

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Rishita Diwan

Content Writer

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