5895 meters high peak :छत्तीसगढ़ की पर्वतारोही निशा यादव ने किलिमंजारो में तिरंगा फहराया

5895 meters high peak: छत्तीसगढ़ की बेटी निशा ने माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया। निशा ने अपने साहस और इच्छाशक्ति के बलबूते पर मुश्किलों का सामना करते हुए 5895 मीटर ऊंचे शिखर को छुआ। यह छत्तीसगढ़ के लिए एक अत्यंत प्रेरणादायक है।

माउंट किलिमंजारो के मुश्किल हालात में ग्लेशियरों पर चढ़ाई की, जहां बारिश और तेज़ हवाएं उनके रास्ते में निरंतर बाधा डाल रही थी । बावजूद इसके, बिलासपुर की निशा यादव ने हार नहीं मानी और मुश्किलों का सामना करते हुए 5895 मीटर ऊंचे शिखर को छुआ।

सबसे ऊंचा स्वतंत्र पर्वत

माउंट किलिमंजारो अफ्रीका का सबसे ऊंचा स्वतंत्र पर्वत है और यह तंजानिया के उत्तर-पूर्व में स्थित है। किलिमंजारो की ऊंचाई 5895 मीटर (19,341 फीट) है, और यह पर्वत तीन ज्वालामुखी शिखरों से मिलकर बना है: किबो, मावेंजी और शिरा।

किलिमंजारो की चोटी पर बर्फीली सतह और ग्लेशियरों की संख्या बहुत अधिक है जो इसे एक कठिन रास्ता बनाती है। इसी के चलते यह साहसिक पर्वतारोहियों के लिए एक प्रसिद्ध स्थल है।

सीएम ने दी हर संभव मदद

छत्तीसगढ़ की साहसी पर्वतारोही निशा यादव की शानदार उपलब्धि पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनकी साहसिक यात्रा पर उन्हें बधाई दी है। निशा के पिता ऑटो ड्राइवर हैं और उन्हें आर्थिक मदद की जरुरत थी जिसके लिए मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था और उसे पूरा भी किया। सीएम का मानना है कि निशा की उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए एक उदाहरण भी है कि वे भी अपनी मेहनत और लगन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा सकती हैं। यह प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। निशा की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर संकल्प और समर्पण मजबूत हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है।

साहस की मिसाल

निशा ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी, किलिमंजारो (5895 मीटर) की चढ़ाई की और सफल हुई। घर में आर्थिक परेशनी के बावजूद निशा ने हार नहीं मानी और अपने साहस से विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए जीत हासिल की। उन्होंने देश प्रदेश की लड़कियों समेत सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया।

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