क्या है ‘वाधवान बंदरगाह’ की खासियत? देश के विकास होगा भागीदार?

Vadhana Port- महाराष्ट्र के पालघर जिले में दहानू में देश का सबसे बड़ा बंदरगाह, वाधवान बंदगाह बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बंदरगाह का शिलान्यास कर दिया है। यह देश के बड़े और प्रमुख बंदरगाहों में से एक होगा। इसके शुरु हो जाने से भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार और परिवहन के रास्ते और भी आसान हो जाएंगे। आइए जानते हैं क्या है इस बंदरगाह की खासियत और इससे देश को क्या-क्या फायदे होंगे।  

देश का सबसे बड़ा बंदरगाह

वाधवान बंदरगाह गहरे पानी में स्थित देश का सबसे बड़ा बंदरगाह होगा। देश के 13 प्रमुख बंदरगाहों में से एक वाधवान बंदरगाह,  देश का पहला अपतटीय बंदरगाह भी होगा। इस पोर्ट की एक और खास बात यह होगी कि यह हर मौसम में खुला रहेगा। पोर्ट का ड्राफ्ट करीब 80 मीटर होगा। यहां बड़े कंटेनर और बड़े जहाजों की आवाजाही आसानी से हो सकेगी। वाधवान बंदरगाह मुंबई से 110 किलोमीटर और इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप कॉरिडोर से 12 किलोमीटर की दूरी पर बनने जा रहा है।

देश के लिए क्यों है फायदेमंद?

वाधवान बंदरगाह के बनने से भारत की समुद्री कनेक्टिविटी और भी बेहतर हो जाएगी। ये भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्ग से सीधे कनेक्ट कर देगा। दूरी कम होने से ट्रांजिट समय और लागत दोनों में ही कमी आएगी। इस बंदरगाह के बनने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। भारत के लिए एक बड़ा समुद्री द्वार साबित होने वाला यह बंदरगाह ग्लोबल व्यापार के क्षेत्र में भी भारत को विकास के नए अवसर देगा। वाधवान पोर्ट अंतरराष्ट्रीय व्यापार भारत के जरिए इकोनॉमिकल ग्रोथ को तेज करने में अहम भूमिका निभाएगा।

मॉर्डन टेक्नोलॉजी से लैस होगा पोर्ट

वाधवान पोर्ट को बनाने में 76 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। यह बंदरगाह अल्ट्रा मॉर्डन टेक्नोलॉजी और बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा। तैयार हो जाने के बाद वाधवान बंदरगाह दुनिया के 10 बेहतरीन और बड़े बंदरगाहों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा। इस पोर्ट में गहरे बर्थ, बेहतरीन कार्गो हैंडलिंग फैसिलिटीस होगी। इसे मॉर्डन पोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए मैनेज किया जाएगा। पोर्ट का निर्माण 2 चरणों में पूरा होगा जिसमें से पहला चरण 2029 तक पूरा होगा और दूसरा चरण 2039 तक पूरा होने की संभावन है।

Positive सार

देश में अधिक क्षमता वाला अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का बनना निश्चित ही देश के विकास को रफ्तार देगा। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्ग से सीधे कनेक्ट होने से सबसे ज्यादा फायदा अतंरराष्ट्रीय व्यापार को होगा। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य ही भारत के लिए विकास के समुद्री रास्ते को खोलना है। यह बंदरगाह देश के विकास में तो अहम भूमिका निभाएगा ही साथ ही इसके निर्माण के दौरान और शुरु होने पर स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के कई नए दरवाजे खुलेंगे।

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Rishita Diwan

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