Best tourism village award: सुंदर वादियों और ऊंचे हरे-भरे पहाड़ों से घिरे उत्तराखंड को उसकी खूबसूरती के लिए केंद्र सरकार ने सम्मान दिया है। प्रदेश के चार गांवो को “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम” के अवार्ड के लिए चुना गया है। यह पुरष्कार हर साल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस के मौके पर दिया जाता है।
पर्यटन मंत्रालय देता है सम्मान
भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय हर साल यह सम्मान देता है। पूरे देश से गांवों का चुनाव करके सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम का नाम तय किया जाता है। विजेता गांव का निर्धारण प्राकृतिक संपदा के संरक्षण, संस्कृति, जीवन शैली, वहां रहने वाले समुदायों के नैतिक मुल्य, आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण के लिए सम्मान और जागरूकता के आधार पर किया जाता है। इसी आधार पर पहले सभी गांवों का नाम पर्यटन मंत्रालय को दिया जाता है।
इन गांवों को मिलेगा अवॉर्ड
सर्वश्रेष्ठ गांव के लिए तय किए गए पैमाने पर उत्ताखंड के ये चार गांव खरे उतरे। राज्य सरकार की तरफ से पहले ही गांवों को नॉमिनेट कर दिया गया था। जिन गांवों को ये अवार्ड मिलने वाला हैं वो इस तरह हैं
जखोल गांव- उत्तरकाशी जिले के जखोल गांव को “साहसिक पर्यटन अवॉर्ड” दिया जाएगा। यह गांव अपनी खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों, ऊंचाई और रोमांचक ट्रैकिंग के लिए मशहूर है।
हर्षिल और गुंजी गांव- उत्तरकाशी जिले में ही स्थिति हर्षिल और पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव को ‘वाइब्रेंट विलेज अवार्ड’ के लिए चुना गया है। हर्षिल में सुंदर सेब के बागान, बर्फ से ढके पहाड़ और सुंदर वादियां देखने को मिलती है।
गुंजी, नेपाल-चीन सीमा से लगा गांव है। गुंजी अपनी सामरिक और सांस्कृतिक सभ्यता के लिए जाना जाता है। इस गांव ने अपनी जड़ों से जुड़ी हुई परंपरा को भी जिंदा रखा है साथ ही आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलाकर भी चल रहे हैं।
सूपी गांव– सूपी गांव नैनीताल जीले में आता है। इस गांव को “कृषि पर्यटन स्थल” के रूप में सम्मानित किया जाएगा। इस गांव में पारंपरिक पद्धति से खेती की जाती है। यह गांव अपनी सांस्कृत विरासतों के लिए भी जाना जाता है।
Positive सार
उत्तराखंड को देवभूमि यानी देवों की भूमि भी कहा जाता है। सिर्फ देश में ही नहीं बल्की विदेशों में भी उत्तराखंड की प्रकृतिक खूबसूरती मशहूर है। राज्य सरकार गांवों में एडवेंचरस टूरिज्म को बढ़ावा देने की तरफ काम कर रही है। श्रेष्ठ पर्यटन गांव का अवॉर्ड मिलने के बाद उत्तराखंड के छोटे-छोटे गांवों को भी पहचान मिलेगी।