Women Bank: तेज कैलकुलेशन से लेकर बैंकिंग लाइसेंस तक अनोखी है पहली महिला ग्रामीण बैंक की कहानी!



Women Bank: ग्रामीण इलाके में महिलाओं को आर्थिक रूप से जानकार बनाने और बैंकिंग से जोड़ने के लिए ग्रामीण बैंक की स्थापना की। इस कदम से 5 लाख से अधिक महिलाओं को अपना वित्तीय लक्ष्य पाने में मदद मिली है।

दरअसल आरबीआई महाराष्ट्र की ग्रामीण महिलाओं का सशक्त रूप देख रहा है। इससे जुड़ी चेतना गाला सिन्हा की बात करें तो वह भारत में महिलाओं के फाइनेंसियल इंक्लूजन के मामले में चैंपियन साबित हुई हैं। महाराष्ट्र के दूरस्थ अंचल की रहने वाली चेतना गाला सिन्हा (Chetna Gala Sinha) ग्रामीण महिलाओं की रोजाना की मुसीबतों को कम करने के लिए उनका समाधान निकालने की कोशिश करती हैं।

कैसे हुई शुरुआत?

कांताबाई सालुंके ने नाम की महिला ने चेतना को बैंक खाता खोलने में मदद मांगी। कांताबाई मॉनसून तक अपने बैंक अकाउंट में पर्याप्त रकम बचाना चाहती थी जिससे कि वह अपने घर के लिए एक प्लास्टिक शीट खरीद पाएं। लेकिन दिलचस्प तथ्य है कि बैंक ने कांताबाई का बैंक अकाउंट खोलने से इनकार कर दिया। बैंक ने ये सोचा कि शांताबाई के पास रकम इतनी कम है कि उनका बैंक अकाउंट खोलने से कोई फायदा नहीं होगा। वहीं कांताबाई बैंक से लोन भी नहीं मांग रही थी। इसी घटना ने चेतना को एक बैंक खोलने की प्रेरणा मिली।

खासतौर पर वे ग्रामीण इलाके की महिलाओं के लिए बैंक खोलना चाहती थीं। इसका उद्देश्य यह था कि वह बचत कर सकें, इसमें इस बात का कोई महत्व नहीं होता कि कोई महिला 5 रुपए बचाती है या 500 या फिर 5000 रुपए।

जब चेतना ने भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया तो वह आवेदन अस्वीकार हो गया। क्योंकि इसमें अधिकतर महिलाएं अशिक्षित थी। इन महिलाओं ने इस बात को चुनौती की तरह लिया।

चेतना ने गांव में एक साक्षरता अभियान की शुरुआत की। 5 महीने बाद ये महिलाएं भारतीय रिजर्व बैंक के पास दोबारा पहुंची, इस बार उनके सामने एक अलग तरह की चुनौती खड़ी हो गई। महिलाओं को कहा गया कि अगर उनकी टीम बिना केलकुलेटर के मैनेजर की तुलना में तेजी से रकम की गणना कर सकते हैं तभी उन्हें बैंकिंग लाइसेंस मिलेगा। चेतना और उनकी टीम का कॉन्फिडेंस देखकर भारतीय रिजर्व बैक ने उसे बैंकिंग लाइसेंस दिया।

प्रेरणादाई है ग्रामीण बैंक की कहानी

साल 1997 में मानदेशी महिला सहकारी बैंक की शुरआत कर इन महिलाओं ने देश का पहला ग्रामीण महिला बैंक दिया। यह बैंक ना सिर्फ ग्रामीण महिलाओं की जरूरत के हिसाब से वित्तीय प्रोडक्ट तैयार बनाता था बल्कि उद्यमिता और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के प्रयास भी करता। आज इस बैंक ने 5 लाख से अधिक महिलाओं को अपना वित्तीय लक्ष्य पाने में मदद किया है।


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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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