भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण “VEHICLE SCRAPPAGE POLICY”

प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने 13 अगस्त 2021 को
व्हीकल
स्क्रैपेज पॉलिसी
को वर्चुअली लॉच किया। पीएम मोदी ने इस
पॉलिसी की शुरुआत करते हुए कहा कि
यह नीति भारत के ऑटो
सेक्टर को नई पहचान देने वाली है देश में अनफिट वाहनों को एक वैज्ञानिक तरीके से
हटाने में यह नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी
उन्होंने यह भी
कहा कि
नई स्क्रैपेज पॉलिसी से भारत की आत्मनिर्भरता
बढ़ेगी। इससे देश में 10 हजार करोड़ रुपए का नया निवेश आने की उम्मीद है।

क्या
है स्क्रैप पॉलिसी
?

इस
पॉलिसी के अनुसार
15 से 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) किया जाएगा। कमर्शियल गाड़ियां
जहां
15 साल बाद कबाड़ घोषित होंगी वहीं निजी गाड़ी के लिए
यह समय
20 साल है। सीधे तौर पर कहें तो आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रद्दी की तरह कबाड़ में बेच दिया जाएगा। वाहन
मालिकों को नियत समय के बाद ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना पड़ेगा। सरकार ने यह
दावा किया है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों आर्थिक नुकसान कम होगा
,
और उनके जीवन की सुरक्षा होगी सकेगी। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी
कमी आएगी।

स्क्रैप
पॉलिसी के फायदे

नई
पॉलिसी में स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नई गाड़ी खरीदते वक्त 5 फीसदी की छूट
मिलेगी। गाड़ी स्क्रैप होने पर मालिक को कीमत का 4-6 फीसदी दिया जाएगा। इसके साथ
ही नई गाड़ी के रजिस्ट्रेशन कराते समय रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ होगी।

प्रक्रिया
क्या होगी
?

किसी
वाहन को सिर्फ इसलिए नहीं स्क्रैप किया जाएगा कि वह पुराना है बल्कि वाहनों का
स्क्रैपेज सेंटरों पर फिटनेस टेस्ट होगा और फिटनेस टेस्ट के बाद वैज्ञानिक तरीकों
के उपयोग से वाहनों को स्क्रैप कर खत्म किया जाएगा।

देश
में लगभग 22 हजार करोड़ मूल्य के स्क्रैप स्टील का आयात किया होता है। इस नीति से
अब इनकी  निर्भरता कम होगी। स्क्रैपेज नीति
से कच्चे माल की लागत में कम से कम 40 फीसदी की कटौती होने की संभावना है। भारत को
ऑटोमोटिव मैन्युफेक्चरिंग का औद्योगिक केंद्र बनने में मदद मिलेगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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