पोचमपल्ली साड़ी के बारे में तो सब जानते होंगे। पर यह नाम तेलंगाना के एक छोटे से गांव का है, इसकी जानकारी शायद कम लोगों को ही होगी। पर भारत सरकार की पहल और UNWTO के पुरस्कार के बाद अब इस गांव के बारे में पूरी दुनिया जानेगी। क्योंकि UNWTO ने इसे Best Tourism Village का सम्मान दिया है। पोचमपल्ली को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार Spain के राजधानी Madrid में 2 दिसंबर 2021 को दिया जाएगा।
भारत का सिल्क सिटी ‘पोचमपल्ली’
हैदराबाद से 40 किमी दूर स्थित पोचमपल्ली गांव तेलंगाना के नलगोंडा जिले में है। पोचमपल्ली इकत डिजाइन वाली ड्रेस सामग्री के लिए प्रसिद्ध है। यहां लगभग 1500 सौ से अधिक परिवार हैं जो हथकरघे का काम करते हैं। यहां के बुनकर सिल्क धागे से इकत शैली से साड़ियां बुनते हैं। और इसीलिए इसे भारत का सिल्क सिटी कहते हैं। पोचमपल्ली साड़ियों का बाजार 200 करोड़ रूपए से अधिक है। पोचमपल्ली इकत शैली को 2004 में GI टैग मिला था।
क्यों दिया जाता है Best Tourism Village पुरस्कार?
UNWTO की इस पहल का उद्देश्य उन गांवों को पुरस्कृत करना है जो ग्रामीण स्थलों के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। ऐसे गांव जो UNWTO की चयन प्रक्रिया के सभी चरणों पर अच्छा प्रदर्शन करते हैं उन्हें यह पुरस्कार मिलता है। इस पुरस्कार का उद्देश्य गांवों को प्रशिक्षण और सुधार के अवसरों तक पहुंचाना है, जिसकी सहायता से ग्रामीण पर्यटन की क्षमता बढ़े और ग्रामीण क्षेत्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिले।
इतिहास से भी जुड़ी है पोचमपल्ली की कहानी
रचनात्मक रूप से पोचमपल्ली काफी समृद्ध है लेकिन भारतीय इतिहास में भी पोचमपल्ली का योगदान है। तेलंगाना के पोचमपल्ली से ही 18 अप्रैल 1951 को आचार्य विनोबा भावे ने भूदान आंदोलन शुरू किया था।
घर-घर हथकरघा और सुंदर इकता कारीगरी से बुनी हुई साड़ियां भारत को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाती है। UNWTO के इस सम्मान से स्थानीय कारीगरों को नए मौके मिलेंगे और वे भारत की इस रचनात्मक कलाकारी को दोगुने उत्साह से दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे।