बेटे और बेटी के बीच का अंतर लगभग खत्म हो चुकी है। भारत का हर गांव अब बच्चों का काबिलियत पर कोई भेदभाव नहीं करता है। लेकिन भारत के इस गांव में बेटी के जन्म को अनोखे तरीके से सेलीब्रेट किया जाता है जो पूरे देश के एक प्रेरणा है। दरअसल बिहार के धरहरा गांव में बेटियों के जन्म पर परिवार 10 फलदार पौधे लगाता है। 13 सालों से चली आ रही इस अनोखी परंपरा से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी अनूठा काम हो रहा है।
गांव की परंपरा पर बन चुकी है फिल्म
धरहरा की इस अनोखी पहल को पूरे देश में पहचान मिल चुकी है। गांव की इस अनोखी परंपरा पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बन चुकी है। मैंगो गर्ल नाम से बनी इस डॉक्यूमेंट्री को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। जहां एक तरफ पर्यावरण से संबंधी कई परेशानियों का सामना इस समय पूरी दुनिया कर रही है वहीं दूसरी तरफ इस तरह के इनीशिएटिव काफी प्रेरणायी हैं।
पहला पौधा 2010 में लवी कुमारी के नाम से लगाया गया
धरहरा गांव की बेटी लवी कुमारी के नाम पर इस परंपरा की शुरूआत हुई। यहां पहला पौधा 2010 में लवी कुमारी के नाम से लगाया गया था। दूसरी बार 2011 में रीमा राज और तीसरी बार वर्षा रानी के नाम से फलदार वृक्ष लगाए गए थे, लेकिन इसके बाद इस गांव के हर घर ने इस परंपरा को निभाना शुरू कर दिया।
परंपरा को बढ़ा रहे हैं गांव वाले
पहला पौधा लवी के नाम पर लगाया गया था वे काफी खुश हैं और कहती हैं कि ग्लोबल वार्मिंग और बढ़ती गर्मी को लेकर ये इनीशिएटिव उन्हें काफी पसंद है। उनके जन्म पर लगाए पौधे अब बड़े हो गए हैं और उन्हें अपने परिवार के सदस्य की तरह लगते हैं। धरहरा गांव एक छोटा सी आबादी वाली गांव हैं लेकिन वहां के लोगों की सोच उन्हें बड़ा करती है। उनके इस इनीशिएटिव के लिए seepositive उन्हें सलाम करती है।