

मध्यर प्रदेश के नर्मदापुरम के रहने वाले मान सिंह गुर्जर पेशे से एक किसान हैं। वे पिछले कई सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। लेकिन मान सिंह की खासियत सिर्फ इतनी ही नहीं है। वे कृषि के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में एक बेहतरीन काम कर रहे हैं। दरअसल मान सिंह कृषि वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग दे रहे हैं जिससे कृषि के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान और विकास हो सके। इसके साथ ही वे धान, दलहन, तिलहन और कई तरह की सब्जियों के देसी बीज का भी संरक्षण कर रहे हैं।
बीज संरक्षक के रूप में है मान सिंह की अलग पहचान
देसी बीजों के संरक्षण के लिए पिछले 12 साल से काम कर रहे मान सिंह की एक अलग पहचान है। उन्हें जाने-माने कृषि विश्वषविद्यालय अपने यहां बुलाते हैं, ताकि वह वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग दे। वे अपने खेतों में 7 फुट की लौकी और 30 किलो का तरबूज उगा चुके हैं। उन्हें नेचुरल फॉर्मिंग को अपनाने और देसी बीजों को बचाने की प्रेरणा इपने पुरखों से मिली है।
मान सिंह कहते हैं कि, “मैं पिछले 12 सालों से भी ज्यादा समय से प्राकृतिक खेती और देसी बीजों का संरक्षण कर रहा हूं। मेरी इस कोशिश के पीछे प्राकृतिक खेती को बचाने और देसी बीज को संरक्षण ही उद्देश्य है। क्योंकि देसी बीज बचेगा, तो किसान बचेगा।”
किसानों को फ्री में देते हैं देसी बीज
मान सिंह ने 600 से ज्यादा देसी बीजों को संजोकर रखा है। वे कहते हैं कि उनके पास 230 प्रजातियों के धान हैं। 160 वरायटी गेहूं की और 150 से ज्यादा सब्जियों के बीज भी उन्होंने संरक्षित कर रखे हैं। उनके पास लौकी की करीब 16 वरायटीज़ और मिर्च की करीब 27 प्रजातियां रखी हैं। इसके अलावा उनके पास दलहन की भी 30 प्रजातियां संरक्षित हैं।
मान सिंह 17 एकड़ खेत में खेती कर रहे हैं। जमीन की उर्वरकता को बनाए रखने के लिए वे सिर्फ प्राकृतिक खेती ही करते हैं। इसके अलावा वह 2 एकड़ में देसी बीज उगाते हैं ताकि उनका संरक्षण किया जा सका। उनका मानना है, घर का बीज, घर की खाद, सब कुछ घर का होने से देसी बीजों को काफी अधिक फायदा मिलता है। गुणवत्ता के साथ पोषण भी मिलती है।
मानसिंह की ख्याति देशभर में है। दूर-दराज के किसान भी उनसे देसी बीज लेकर जाते हैं। वे अपने फार्म पर आने वाले लोगों को भी मुफ्त में देसी बीज देते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे उगाकर इसका संरक्षण करें। खेती के पारंपरिक तरीकों को अपनाने का संदेश मान सिंह सभी किसानों को दे रहे हैं उनकी इन कोशिशों को देखते हुए गुजरात के गवर्नर ने उन्हें सम्माेनित भी किया है।

