Azadi Ka Amrit Mahotsav: 1857 की क्रांति के वे योद्धा जिन्होंने जान गवां दी पर अपनी मातृभूमि को नहीं छोड़ा!



1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पूरे देश के लिए एक मिसाल है। इस युद्ध में देशभर के वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर क्रांति को मजबूत किया। ऐसे ही वीरों में शामिल थे बिहार के कुंवर सिंह। 1857 की क्रांति के दौरान वे कुंवर सिंह की उम्र 80 वर्ष थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बूढ़ी शिराओं में दौड़ रहे खौलते खून की बदौलत अंग्रेजों के मनोबल को कई बार तोड़ा। कुंवर सिंह ही थे जिन्होंने आरा को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाया और आजाद कर दिया।

1977 में जन्में थे कुंवर सिंह

कुंवर सिंह का जन्म 13 नवंबर 1777 को भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ। इनके पिता बाबू साहबजादा सिंह प्रसिद्ध परमार राजपूत शासक राजा भोज के वंश से थे। कुंवर सिंह की माता का नाम पंचरत्न कुंवर था और वह जीवन पर्यंत आजादी के लिए लड़ाई लड़ते रहे।

अंग्रेजों के खिलाफ किया विद्रोह

1857 की क्रांति की शरुआत सिपाहियों की बगावत से हुई थी, बंगाल के बैरकपुर, रामगढ़ और दानापुर रेजीमेंट में सैनिकों ने बगावत की। इसके बाद उत्तर भारत में विद्रोह के बीज पड़े। ऐसे हालात में बाबु कुंवर सिंह ने भी अपने सेनापति मैकू सिंह और भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष की शुरुआत कर दी।

आरा पर किया कब्जा

1857 में 27 अप्रैल को दानापुर के सिपाहियों, भोजपुरी जवानों और दूसरे साथियों के साथ आरा नगर पर बाबू वीर कुंवर सिंह ने अपना कब्जा जमा लिया। अंग्रेजों की लाख कोशिश के बाद भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र ही रहा। कई बार अंग्रेजों ने हमला करने की कोशिश भी की लेकिन कुंवर सिंह के सामने उनकी एक नहीं चली।

कई बार हार के बाद अंग्रेज बौखला उठे। उन्होंने अपनी पूरी ताकत से कुंवर सिंह के क्षेत्र पर हमला कर दिया। इस युद्ध में क्रांतिकारियों की हार हुई और बाबू कुंवर सिंह को अपने भाई के साथ आरा को छोड़ना पड़ा, लेकिन उन्होंने अंग्रेजों के साथ गोरिल्ला युद्ध को नहीं छोड़ा।

अपने किले में ही हुए शहीद

1858 अप्रैल तक कुंवर सिंह अंग्रेजों से जंग लड़ते रहे, उसी साल 23 अप्रैल को उन्होंने अंग्रेजों से आखिरी लड़ाई लड़ी। वे युद्ध में वह बुरी तरह घायल हुए। लेकिन लड़ाई को नहीं छोड़ा और जगदीशपुर किले पर लगा ईस्ट इंडिया कंपनी का झंडा उखाड़ कर फेंक दिया। आखिर 26 अप्रैल को अंग्रेजों से लड़ते हुए उन्हें किले में उन्हें वीरगति प्राप्त हुई।

Avatar photo

Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

ALSO READ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *