

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022: तेलंगाना ने बड़े राज्यों की श्रेणी में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 का पहला पुरस्कार अपने नाम किया है। इसके बाद हरियाणा दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर रहा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसके लिए राज्यों को पुरस्कार प्रदान किये। यह पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में मिला है।
छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, अंडमान और निकोबार ने पहला, दादरा और नागर हवेली तथा दमन एवं दीव और सिक्किम ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है।
पुरस्कार वितरण के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वच्छ, स्वस्थ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुर्मू ने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय, केवल 3.23 करोड़ ग्रामीण घरों में ही नल का पानी मिल पाता था, जो तीन वर्षों में बढ़कर 10.27 करोड़ हो गई है। हाल के वर्षों में नल के पानी की पहुंच से जल-जनित बीमारियों में उल्लेखनीय कमी देखने को मिल रही है। लेकिन हमारा लक्ष्य इससे भी बहुत बड़ा है। हमें जल प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मिसाल प्रस्तुत करनी है।“
तेलंगाना मॉडल
तेलंगाना राज्य में इस पुरस्कार को लेकर लोगों में काफी खुशी है, तेलंगाना मॉडल को लेकर कहा गया कि तेलंगाना हर क्षेत्र में विकास हासिल कर रहा है और देश में एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित हुआ है। इसी की बदौलत तेलंगाना ने एक बार फिर स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में नंबर एक का दर्जा हासिल कर लिया है।
राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने सामूहिक प्रयासों के साथ ग्रामीण प्रगति हासिल कर रही है और हरित तेलंगाना बनाने के उद्देश्य से मजबूती से आगे बढ़ेगी।
तेलंगाना राज्य ने जीते कुल 13 पुरस्कार
एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण स्वच्छ भारत मिशन के तहत अलग-अलग श्रेणियों में तेलंगाना राज्य ने कुल 13 पुरस्कार जीते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने पूरे देश में नंबर एक पर रहने पर प्रसन्नता जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने ‘पल्ले प्रगति’ कार्यक्रम को लागू करने वाले ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों, सरपंचों और अन्य अधिकारियों को शुभकामनाएं दी हैं।