चांद के बाद अब सुलझेंगे सूर्य के अनसुलझे सवाल, जानें क्या है इसरो का नया प्लान!

चंद्रयान-3 की मून पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो सोलर मिशन और चांद पर इंसान भेजने की तैयारी कर रहा है। 3,897.89 किलोग्राम वजन वाले चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को 615 करोड़ रुपये के बजट में तैयार किया गया था। जहां एक तरफ भारत चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मना रहा है वहीं दूसरी तरफ सोलर मिशन को लेकर काफी उत्साहित भी नजर आ रहा है।

सोलर मिशन को लेकर इसरो प्रमुख ने क्या कहा?

इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने 24 अगस्त 2023 को एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि प्रज्ञान रोवर के पास दो मशीन हैं। दोनों चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ रसायनिक संरचनाओं से संबंधित काम करेंगे। इसके अलावा यह सतह पर चक्कर भी लगाएगा। भारतीय वैज्ञानिक एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करने वाले हैं, जो हमारे लिए भविष्य के आविष्कारों के लिए महत्वपूर्ण है।


सोलर मिशन की तैयारी

आदित्य एल-1 और गगनयान मिशन को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि सूर्य के लिए आदित्य मिशन सितंबर में लॉन्च के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि गगनयान पर अभी भी काम किया जा रहा है। इसरो क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के आखिर तक एक मिशन करेंगे, जिसके बाद कई परीक्षण मिशन होंगे जब तक कि संभवतः 2025 तक पहला मानव मिशन नहीं पूरा हो जाता है।


चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को चुनने पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि भारत दक्षिणी ध्रुव के करीब चला गया है जो लगभग 70 डिग्री है। सूर्य द्वारा कम प्रकाशित होने के संबंध में दक्षिणी ध्रुव को एक विशेष फायदा मिलेगा। चंद्रमा पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव में बहुत रुचि दिखाई क्योंकि अंत में मनुष्य वहां जाकर उपनिवेश बनाना चाहते हैं और फिर उससे आगे की यात्रा पूरी करने की इच्छा रखते हैं। इसलिए हम सबसे अच्छी जगह की तलाश कर रहे हैं और दक्षिणी ध्रुव में ये क्षमता है।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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