HIGHLIGHTS:
- SERB-POWER फेलोशिप 2022 के लिए कश्मीर की नशीमन का चुनाव
- CSIR-IIIM में सीनियर साइंटिस्ट हैं नशीमन
कश्मीर की डॉ. नशीमन अशरफ साल 2022 SERB-POWER फेलोशिप पाने वाली पहली कश्मीरी महिला बन गई हैं। उन्हें लाइफ साइंस में साइंस और इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (SERB-POWER) फेलोशिप मिली है। नशीमन के इस फेलोशिप से पुरुष-प्रधान साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) क्षेत्र में भारतीय महिला रिसर्चर्स को पहचान दिलाने की पहल की गई है। नशीमन का कहना है कि महिलाओं को खुद पर विश्वास करने और अपनी सीमाओं से बाहर निकलने की जरूरत है।
अमेरिका की केंटकी यूनिवर्सिटी में काम करेंगी नशीमन
नशीमन इससे पहले CSIR रमन रिसर्च फेलोशिप भी पा चुकी हैं। इसके जरिए उन्होंने अमेरिका की केंटकी यूनिवर्सिटी में विजिटिंग साइंटिस्ट के रूप में पहले भी काम किया था। नशीमन को स्पेन में काम करने के लिए ईएमबीओ शॉर्ट-टर्म फेलोशिप से भी सम्मानित किया जा चुका है।
नशीमन CSIR-IIIM में सीनियर साइंटिस्ट हैं
फिलहाल नशीमन श्रीनगर में CSIR-IIIM के प्लांट बायो टेक्नोलॉजी डिवीजन में सीनियर साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत् हैं। उनकी रिसर्च मुख्य रूप से घाटी की अमूल्य फसल केसर के सुधार पर सेंट्रलाइज है। उनके रिसर्च का उद्देश्य केसर की खेती को बढ़ाना और लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाला केसर उपलब्ध करवाना है। इससे जनता और किसान दोनों को फायदा मिलेगा।
कौन हैं डॉ नशीमन?
कश्मीर की नशीमन ने अपनी पीएचडी जेएनयू से पूरी की है। कई चीजों में उनकी रूचि होने के साथ ही उन्हें साइंस की काफी दिलचस्पी थी। नशीमन ने उत्तराखंड की जीबी पंत एग्रीकल्चर और टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएशन पूरा करने के बाद JNU के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांट जीनोम रिसर्च में Ph.D. की। उनकी रिसर्च नेशनल और इंटरनेशनल जैसे जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल केमिस्ट्री, साइंटिफिक रिपोर्ट्स और BMC जीनोमिक्स में भी प्रकाशित हो चुकी है।
कम ही महिलाएं STEM में करियर चुनती हैं
नशीमन का कहना है कि- उनका यह सफर आसान नहीं था, क्योंकि घाटी में बड़े पदों पर महिलाओं काफी कम हैं। खासकर STEM में करियर चुनने वाली महिलाओं की नहीं के बराबर है। ऐसे में महिलाओं को अभी बहुत काम करने की जरूरत है, ताकि महिलाएं बेफ्रिक होकर साइंस में अपना करियर का चुनाव करें और उन्हें भेदभाव का सामना ना करना पड़े।