Purity testing of sweets: त्योहारों का सीजन आते ही बाजारों में मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है। मिठाई की दुकानें रंग-बिरंगे मिठाइयों से सजे दिखाई देते हैं। इस समय मिठाइयों में मिलावट की सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। ये मिठाई दिखने में जितनी सुंदर होती है स्वास्थ्य को उतना ही नुकसान पहुंचाती है। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं जिसे आप घर बैठे ही मिठाइयों में होने वाली मिलावट (Purity testing of sweets)के बारे में आसानी से पता लगा सकते हैं।
रंग की क्वालिटी की जांच
मिठाइयों में कुछ मिलावटों की जांच आप खुद कर सकते हैं। अगर मिठाई में किसी रंग का इस्तेमाल हुआ है और रंग हाथों में लग रहा है तो वो मिलावटी रंग होता है।( Purity testing of sweets) मिठाइयों में रंग के लिए मेटानिल येलो और टारट्राजाइन का इस्तेमाल नुकसानदायक होता है। ये कैमिकल वाले रंग सीधे किडनी पर असर करते हैं।
ऐसे करें शुद्द खोवे की जांच
मिठाइयां सबसे ज्यादा मेवे या खोवे से बनती है। सबसे ज्यादा मामले मेवे में मिलावट (Adulteration in sweets) के ही देखने को मिलते हैं। इसकी जांच भी आसानी से की जा सकती है। इसके लिए आपको मेवे में आयोडीन की कुछ बूंदे डालनी होगी अगर मेवा काला पड़ता है तो मेवे में मिलावट की गई है। अगर खोया ज्यादा दानेदार है तो भी मिलावटी होने की संभावना होती है।
वर्क भी होता है नकली
मिठाइयों पर किया जाने वाला चांदी का वर्क भी नकली इस्तेमाल किया जाता है। इसकी जांच के लिए वर्क को जलाने पर अगर वर्क जलकर छोटी गोली बन जाती है तो वह असली वर्क है। अगर वर्क जलने के बाद स्लेटी रंग का कागज की तरह दिखाई देता है मतलब वह असली चांदी का वर्क नहीं है।
रंग, स्वाद और महक पर दें ध्यान
बहुत ही मिठाइयों को आप देखकर, चखकर और सूंघकर ही मिलावट (Adulteration in sweets)का पता लगा सकते हैं। शुद्ध खोवे से बनी मिठाइयां कभी एकदम सफेद दिखाई नहीं देती है। अगर खाने में या महक में यूरिया या किसी दूसरे कैमिकल की महक महसूस हो तो भी मिलावट की संभावना होती है।