

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में ‘अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022’ का शुभारंभ किया। इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष पियर क्रिस्टियानो ने पीएम मोदी का हिंदी में स्वागत किया। उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि डेयरी सेक्टर ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दे रहा है, बल्कि यह दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी महत्वपूर्ण साधन भी है।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रमुख बातें
दुनिया के दूसरे विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत हमारे छोटे किसान हैं, भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान जन स्तर पर उत्पादन से ज्यादा जनसाधारण के द्वारा उत्पादन से है।
आज भारत में डेयरी कॉपरेटिव का एक बड़ा नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में नही है।
ये डेयरी कॉपरेटिव्स हमारे देश के 2 लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब 2 करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करवाती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाने का भी काम करती है।
भारत के डेयरी उद्योग का असली नेतृत्व वास्तव में भारतीय महिलाओं के हाथों में है।
भारत ने साल 2014 में 146 मिलियन टन दूध का प्रोडक्शन किया था, जो बढ़कर 210 मिलियन टन हो गया है।
भारत के डेयरी सेक्टर में भारतीय महिलाएं 70% की भागीदारी का प्रतिनिधित्व करती हैं, भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार हमारे देश की महिलाएं ही हैं। इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य भारतीय महिलाएं ही हैं।
भारत का डेयरी उद्योग
चार दिन तक चलने वाले इस IDF World Dairy Summit-2022 में दुनिया भर के डेयरी से जुड़े लोग शामिल होंगे। उनके अलावा डेयरी से जुड़े विशेषज्ञ, किसान, विभाग के अधिकारी और उद्योग जगत के दिग्गज भी इसका हिस्सा बनेंगे। यह सम्मेलन ‘पोषण और आजीविका के लिए डेयरी’ विषय पर सेंट्रलाइज्ड है। भारतीय डेयरी उद्योग एक सहकारी मॉडल पर बेस्ड है। यानी यह छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है।
दुनिया के दूध उत्पादन में भारत की 23 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत में सालाना करीब 210 मिलियन टन दूध का प्रोडक्शन होता है। इससे 8 करोड़ डेयरी किसान सशक्त और आत्मनिर्भर हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं। इसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44 प्रतिशत से अधिक तेजी दर्ज हुई है।