‘कुटरू’ में न्यू बोर्न स्टेबलाईजेशन यूनिट से नवजात शिशुओं की देखभाल

बीजापुर का दूरस्थ आदिवासी क्षेत्र अपने बीहड़पन और
सुंदरता के लिए जाना जाता है । यहां के घने जंगल और ऊंचे पहाड़ आंखों को सुकून
देते हैं। कुटरू के दुर्गम रास्तों को देखकर ही यहां के बीहड़पन का अंदाजा लगाया जा
सकता है । ऐसी जगहों पर स्वास्थ्य सुविधाओं का बेहतर होना किसी चमत्कार से कम नहींं है।
दरअसल बीजापुर जिले के भैरमगढ़ ब्लॉक कुटरू का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेहतर
स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ एक बड़ी आबादी को दे रहा है।
इस प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।


24
घंटे स्वास्थ्य सुविधाओं वाले इस स्वास्थ्य केंद्र में
Institutional delivery के लिए अच्छी सुविधा उपलब्ध है। यहां हर महीने 15 से 20 गर्भवती माताओं को
संस्थागत प्रसव सुविधा आसानी से मिल रही है। इस केन्द्र की सबसे खास बात यह है कि
यहां पर नवजात शिशुओं की पूरी देखभाल के लिए 10 बिस्तरों वाला न्यू बोर्न
स्टेबलाईजेशन यूनिट की स्थापना की गई है।


कुटरू
से जिला अस्पताल बीजापुर करीब
40 किलोमीटर दूर है, जिसकी वजह
से गर्भवती महिलाओं के प्रसव और शिशु संबंधित सुविधाओं के लिए यहां के लोगों को
तत्काल स्वास्थ्य सुविधा के लिए परेशान होना पड़ता था। लेकिन अब स्थानीय लोगों के
अलावा भी यहां बेदरे
, फरसेगढ़ जैसे बड़े बसाहट और कई
गांवों के लोगों के उपचार एवं स्वास्थ्य सेवा हेतु यह स्वास्थ्य केन्द्र अहम
योगदान दे रहा है। आपातकालीन स्थिति में यह स्वास्थ्य केन्द्र मरीजों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।


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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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