HIGHLIGHTS-
- ग्वालियर में शुरू किया गया भारत का पहला ड्रोन स्कूल
- स्कूल में कई आधुनिक सुविधाएँ छात्रों केलिए उप्लब्ध होंगी
- इस उद्योग में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। नई-नई योजनाओं से सरकार छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए काम कर रही है। इन योजनाओं के सहारे सरकार छात्रों को तकनीकी रूप से भी उन्नत कर रही है। इसी दिशा में काम करते हुए मप्र सरकार ने एक नई शुरुआत की है जिसके तहत भारत का पहला ड्रोन स्कूल ग्वालियर में शुरू किया गया है। इस अनोखे ड्रोन स्कूल में कई आधुनिक सुविधाएँ छात्रों के लिए उप्लब्ध होंगी। उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि,- ड्रोन तकनीक युवाओं के लिए तकनीक को सीखने के नए रास्ते खोलेगी।
Drone School की खासियत
ड्रोन स्कूल की सबसे खास बात यह होगी कि, ड्रोन मेकिंग के बारे में पढ़कर स्टूडेंट्स आगे और रिसर्च कर सकेंगे। खेतों के बड़े एरिया में बीज और कीटनाशनक डालने और कृषि सर्वे में भी ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है। सर्वे और जमीन नापने आदि में भी ड्रोन का उपयोग किया जा सकेगा। किसी खास जगह पर निगरानी के लिए पुलिस भी इसका इस्तेमाल कर सकेगी। इन सभी विषयों में स्कूली छात्रों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
Drone School: “रोजगार की अपार संभावनाएं”
ड्रोन स्कूल के लॉन्च के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, कि “राज्य के पहले ड्रोन स्कूल का उद्घाटन ग्वालियर में किया गया है। इस उद्योग में रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं क्योंकि ड्रोन का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है”
Drone School लॉन्च
ड्रोन स्कूल के उद्घाटन समारोह में इंडस्ट्री प्रोफेशनल की भारी भीड़ उमड़ी। इस कार्यक्रम में कई ड्रोन निर्माता, उत्साही, सेवा प्रदाता, साथ ही किसान और छात्र शामिल हुए। सीएम चौहान ने कहा कि,- यह दिन उल्लेखनीय है क्योंकि यह ‘आदरणीय स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी की जयंती’ है। मध्य प्रदेश में इससे पहले भी ग्वालियर में ड्रोन मेटा हो चुका है, जिससे यह देश के पहले राज्यों में से एक है जिसने बड़े पैमाने पर ड्रोन तकनीक को तैनात किया है।
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