‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ पहल से जीवंत सांस्कृतिक विरासत को मिलेगी पहचान, जानें क्या है खास?



आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक अनूठी पहल की शुरूआत भारत सरकार कर रही है। ‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ के रूप में इस डिजिटल मंच की शुरुआत हो चुकी है। संस्कृति मंत्रालय ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के साथ मिलकर राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन के तहत ‘मेरा गांव मेरी धरोहर’ नामक अखिल भारतीय प्रोजेक्ट की शुरूआत की है। अब इस अनूठी पहल के डिजिटल मंच के जरिए लोगों को भारत की विविध और जीवंत सांस्कृतिक विरासत को जानने का मौका मिलेगा।

प्रोजेक्ट का उद्देश्य

इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत की समृद्ध संस्कृति और ग्रामीण समुदायों में आर्थिक विकास, सामाजिक सद्भाव और कलात्मक विकास के मार्ग को दिखाना है। मंत्रालय ने इसके संबंध में कहा है कि इसका व्यापक पोर्टल हर गांव के बारे में जरूर और महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित करेगा, जिसमें उसकी भौगोलिक स्थिति, जनसांख्यिकीय पहलू, पारंपरिक पोशाक, आभूषण, कला, शिल्प, मंदिर, मेले और त्यौहार और दूसरे बहुत से विवरण शामिल हैं।

लोगों को भारत के गांवों से जोड़ने में होगी मदद

डिजिटल मंच www.mgmd.gov.in के माध्यम से लोग भारत के गांवों से जुड़ेंगे। इसके लिए गृह मंत्री अमित ने शाह कुतुब मीनार में एक भव्य प्रोजेक्शन मैपिंग शो के दौरान इसकी शुरूआत आधिकारिक तौर पर वर्चुअल प्लेटफॉर्म में लॉन्च किया। कार्यक्रम में विभिन्न गांवों के लोगों और गृहमंत्री के बीच एक संवाद भी किया गया। ये भारत के गांवों के दिल और आत्मा के साथ बातचीत करने का एक अनूठा अवसर के तौर पर स्थापित हुआ है। इसी कार्यक्रम के दौरान गृहमंत्री ने अलग-अलग गांवों से आए ग्रामीणों के साथ बातचीत भी किया।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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