Krishak Unnati Yojna: छत्तीसगढ़ को पूरा देश “धान का कटोरा” के नाम से जानता है। छत्तीसगढ़ में ज्यादातर आबादी कृषि पर ही निर्भर है। राज्य के ज्यादातर कृषि भूमि में धान की खेती होती है। ऐसे में किसानों को धान की सही कीमत मिलना महत्वपूर्ण हो जाता है। किसानों की इसी उम्मीद को पूरा किया छत्तीसगढ़ सरकार की ‘कृषक उन्नती योजना’ने । आइए जानते हैं क्या है ये योजना और ये कैसे बनी किसानों के लिए वरदान।
क्या है कृषक उन्नती योजना?
कृषक उन्नती योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को धान की बोनस राशी का एकमुश्त भुगतान किया है। मार्च 2024 में सरकार ने 24.72 लाख किसानों के खाते में 13 हजार 320 करोड़ रुपए क्रेडिट किए गए। सरकार ने चुनावों से पहले अपने घोषणा पत्र में किसानों से 3100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया था। कृषक उन्नती योजना को धरातल पर सच करके सरकार ने अपना वादा निभाया।
क्या होती है बोनस राशी?
दरअसल धान के लिए MSP कृषि मूल्य आयोग या कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स ऐंड प्राइसेज तय करती है। 2023-24 के लिए धान की MSP दो हजार एक सौ तिरासी रुपए प्रति क्विंटल तय की गई थी। राज्य सरकार ने इसमें अतिरिक्त 917 रुपए प्रति क्विंटल हर किसान को दिया, यही अंतर की राशी या बोनस, कहलाती है। इसके बाद छत्तीसगढ़, धान का सर्वाधिक मूल्य देने वाला इकलौता राज्य बन गया है।
14 नवंबर से धान तिहार
साल 2024 में धान खरीदी की तारीख का ऐलान राज्य सरकार ने कर दिया है। इस बार 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक धान खरीदी होगी। धान खरीदी को छत्तीसगढ़ में धान तिहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकी धान छत्तीसगढ़ की संस्कृति से लेकर अर्थव्यवस्था तक अहम भूमिका निभाता है। छत्तीसगढ़ एक मात्र ऐसा राज्य है जहां धान की 20 हजार से ज्यादा किस्में उगाई जाती हैं। यहां कृषि भूमि के 88 फीसदी हिस्से में धान की खेती की जाती है।
राज्य गठन से अब तक धान की कीमत
आइए एक नजर डालते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद से धान की कीमतों में कितना अंतर आया है। 2004-5 में धान का समर्थन मूल्य लगभग 560 रुपए प्रति क्विंटल था। जो साल 2009-10 में 950 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। वहीं साल 2014-15 में धान की कीमत बढ़कर 1,360 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। 2017-18 में केंद्र ने समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल तय किया था जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार ने 300 रुपए बोनस जोड़कर 1750 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदा था। 2019 में कांग्रेस सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदकर सबको चौका दिया था। लेकिन 2020 में घटाकर 1850 और 1835 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर धान खरीदा।