Crying room: केरल सरकार ने छोटे बच्चों के लिए सिनेमाघर में अपनाया ये तरीक़ा; जानिए क्या है ख़ास


फिल्म देखने के लिए लोग अक्सर सिनेमाघरों में अपने छोटे बच्चों को लेकर आते हैं। लेकिन कभी-कभी छोटे बच्चे वहां कंफर्ट महसूस नहीं करते और बीच में रोना शुरू कर देते हैं। बच्चों के रोने से न सिर्फ़ उनके पेरेंट्स की फिल्म का मज़ा किरकिरा होता हैं, बल्कि सिनेमाघर में बैठे दूसरे लोगों को भी परेशानी होती है। लेकिन अब केरल सरकार ने इस समस्या का हल ढूंढ लिया है |

छोटे बच्चों के लिए ‘क्राईंग रूम’ की व्यवस्था

छोटे बच्चों के रोने से होने वाली परेशानी को नज़र में रखते हुए केरल सरकार ने एक ख़ास तरह का सिनेमाघर खोला है, जिसमें माता पिता अपने बच्चे के साथ अकेले में फिल्म देखने का लुत्फ़ उठा सकते हैं, इससे न सिर्फ़ माता-पिता को बल्कि दूसरे लोगों के मनोरंजन में भी भी परेशानी नही होगी और दर्शक फिल्म का पूरा आनंद उठा सकेंगे। संचालित फिल्म थिएटर कॉम्प्लेक्स ने बच्चों के साथ पेरेंट्स के लिए एक साउंड-प्रूफ ‘क्राईंग रूम’ बनाया है। अगर कोई छोटा बच्चा फिल्म देखने के दौरान बीच में रोता है, तो माता-पिता अपने बच्चे को ‘क्राईंग रूम’ में ले जा सकते हैं।

अब मनोरंजन में नहीं पड़ेगा ख़लल

बच्चे को ‘क्राईंग रूम’ में ले जाने के बाद वो फिल्म को कमरे के अंदर से कांच की विंडो से देख सकते है। फिल्म देखने के लिए कमरे में माता पिता या देखभाल करने वालों के लिए कुछ सीटें मौजूद रहेंगी। केरल के सांस्कृतिक मंत्री, वीएन वसावा ने अपने ऑफिशियली फेसबुक पेज पर ‘क्राईंग रूम’ की तस्वीर पोस्ट की है। यह तिरुवनंतपुरम में कैराली-श्री-निला थिएटर कैम्पस में बनाया गया है। उसका मक़सद सिनेमाघरों में फिल्म देखने आए लोगों का भरपूर मनोरंजन करना है। साउंड प्रूफ क्राई रूम में पालना और डायपर बदलने की सहूलियत दी गई है।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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