Kanker tourism: कांकेर जिले के शांत और सुंदर गांव खमढोड़गी (ग्राम पंचायत कोकपुर) अब सिर्फ एक गांव नहीं रहा, बल्कि ग्रामीण पर्यटन का नया चेहरा बन गया है। यहां बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन (बोटिंग) की शुरुआत हो चुकी है, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए मौके भी मिलेंगे।
50 लाख की सौगात
खमढोड़गी जलाशय में बैम्बू राफ्टिंग और नौका विहार का उद्घाटन कांकेर विधायक आशाराम नेताम ने किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और इस पहल से गांव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने मौके पर ही पर्यटन विकास के लिए 50 लाख रुपये देने की घोषणा की – जो इस क्षेत्र के विकास को नई उड़ान देगा।
टूरिज्म से ट्रांसफॉर्मेशन
कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने कहा कि इस योजना से न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा, बल्कि यह क्षेत्र ट्रेकिंग, होम स्टे और एडवेंचर एक्टिविटीज़ के लिए भी तैयार किया जाएगा। यानी आने वाले दिनों में खमढोड़गी जलाशय एक फुल-फ्लेज्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन सकता है।
बैम्बू राफ्टिंग का रोमांच
इस आयोजन की खास बात यह रही कि विधायक और कलेक्टर दोनों ने खुद राफ्टिंग और बोटिंग कर इसका आनंद लिया और स्थानीय लोगों को भी प्रोत्साहित किया। बैम्बू से बनी राफ्टिंग नावें पर्यावरण के अनुकूल हैं और एकदम लोकल टच देती हैं – जो इको-टूरिज्म की दिशा में एक बढ़िया कदम है।
पर्यावरण का संदेश भी साथ
इस मौके पर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। यह पहल केवल टूरिज्म ही नहीं, ग्रीन इनिशिएटिव और सस्टेनेबिलिटी का भी संदेश देती है। ऐसे प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए हरियाली और रोज़गार दोनों सुनिश्चित करते हैं।
लोकल इकोनॉमी का सर्कल
बोटिंग और राफ्टिंग के साथ-साथ यहां के लोगों के लिए नाव संचालन, गाइडिंग, फूड स्टॉल्स, होमस्टे और हैंडीक्राफ्ट्स जैसी कई गतिविधियों के ज़रिए कमाई के नए रास्ते खुलेंगे। युवाओं के लिए यह माइग्रेशन को रोकने और गांव में ही रोजगार पाने का बेहतरीन मौका है।
घूमने के लिए परफेक्ट
खमढोड़गी जैसे लोकेशन्स आज की सोशल मीडिया जेनरेशन के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन बन सकते हैं। बैम्बू राफ्टिंग, नौकायन, प्रकृति और लोकल कल्चर ये सभी चीजें इंस्टा-रेडी एक्सपीरियंस हैं, जो युवाओं को अट्रैक्ट कर सकती हैं।
ट्रेकिंग से होम स्टे तक
कलेक्टर द्वारा दिए गए संकेतों के अनुसार, जल्द ही यहां ट्रेकिंग ट्रेल्स, स्थानीय होमस्टे, और टूर गाइड ट्रेनिंग जैसे कई कदम उठाए जाएंगे। इससे खमढोड़गी न केवल नेचर लवर्स, बल्कि एडवेंचर और कल्चर टूरिज्म के लिए भी एक हॉटस्पॉट बनेगा।
खमढोड़गी की नई पहचान
बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन से शुरू हुआ यह छोटा कदम, अब एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ता हुआ संकेत है। गांव की पहचान अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं, बल्कि यह बन रहा है, एक इको-फ्रेंडली टूरिज्म सेंटर।