International Day of Action for Rivers 2024: नदियां जीवन के लिए क्यों हैं जरूरी?

International Day of Action for Rivers 2024: भारतीय शास्त्रों और पुराणों में नदियों को देवी और जीनवदायिनी कहा गया है। ये सिर्फ भारत की बात नहीं है बल्कि के दुनिया के सभी नदियों की बात है जो जीवन का आधार हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाल ही में नदियों पर हुए सर्वे क्या कहते हैं। दरअसल प्रदूषण और गंदगी से नदियों का हाल बुरा हुआ जा रहा है।

लेकिन ऐसा नहीं है कि इन नदियों को बचाया नहीं जा सकता है। नदियों की सुरक्षा के लिए सरकार और कई संगठन मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं एक आम आदमी की भी जिम्मेदारी ये बनती है कि वो नदियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं। जानते हैं क्या है नदियों को बचाने के तरीके और साथ ही एक ऐसी नदी के बारे में जो कभी गंदगी की वजह से खत्म होने के कगार पर थी लेकिन आज ये दुनिया की सबसे साफ नदियों में से एक है।

नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस 2024

नदियों के लिए कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Action for Rivers 2024). नदियों के बारे में लोगों को जागरूक करता है। ये दिन नदियों के लिए समर्पित है। नदियों के प्रबंधन, प्रदूषण, और संरक्षण से जुड़े मुद्दों को हल करने से जुड़ा है।

अंतर्राष्ट्रीय नदी संगठन के अनुसार मार्च 1997 में कूर्टिबा, ब्राजील में बांधों से प्रभावित लोगों की पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक हुई थी। इसमें बांधों के खिलाफ और नदियों, जल और जीवन के लिए कार्रवाई के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मंजूरी मिली थी। इस साल की थीम है “Water for All”

20 देशों के नदी एक्सपर्ट्स ने मिलकर 14 मार्च को ‘नदियों के लिए कार्रवाई दिवस’ घोषित किया है। इसमें शामिल होने वाले देशों का ये उद्देश्य है कि वो नदियों, जल के दूसरे निकायों और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील वाटरशेड क्षेत्रों के क्षरण के खिलाफ एकजुट होकर काम करें।

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लंदन के टेम्स की कहानी

नदियों के लिए कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Action for Rivers 2024) पर हम आपको एक प्रेरित करने वाली कहानी बता रहे हैं। दरअसल लंदन की टेम्स नदी की कहानी काफी प्रेरणादायी है। 1957 में नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम ने टेम्स नदी की गंदगी को देखते हुए इसे डेड रीवर घोषित कर दिया। डेड रीवर उस नदी को कहा जाता है, जिसका पानी इतना गंदा हो जाता है कि उसमें जीव-जन्तु तक जीवित नहीं रह पाते हैं। इसे सुधारने की जिम्मेदारी सिविल इंजीनियर सर जोसेफ बेज़लगेट ने ली।

उन्होंने सीवेज नेटवर्क बनाने का काम किया। जिसका इस्तेमाल आज भी हो रहा है। द्वितिय विश्वयुद्ध के दौरान इसके हालात फिर से खराब होने लगे थे। साल 1976 से, टेम्स में गिरने वाले नालों को रोककर 1961 और 1995 के बीच कड़े कानून लागू हुए। टेम्स में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के लिए बड़े ऑक्सीजनेटर यानी बबलर बनाई गई। बाद में नदी के किनारे प्रोटोटाइप ऑक्सीजनेटर डेवलप हुए।

यह पानी में ऑक्सीजन और मछलियों की आबादी बढ़ाने के लिए टर्निंग पॉइंट बना। इससे पानी साफ हुआ और टेम्स नदी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ी और समुद्री जीवों की जान भी बची। लगातार सुधार का यह असर हुआ कि यह दुनिया की सबसे साफ पानी वाली नदी बनी।

नदी को सुरक्षित रखने के उपाय

  • नदियों में प्रदूषण को नियंत्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए निर्माण और निगरानी दोनों प्रभावी उपाय हो सकते हैं।
  • नदियों के जल का संरक्षण करना जीवन के लिए आवश्यक है। जल संरक्षण के लिए सदाचार, सूखे के मौसम में पानी का उपयोग कम करना, और बारिश के पानी को संचित करने के लिए जल संचयन का प्रयास करना शामिल है।
  • अवैध निर्माण नदियों को अधिक प्रदूषित करता है और उनके पारिस्थितिकी बिगड़ता का कारण बनता है। इसलिए, सरकारी अथॉरिटीज़ को अवैध निर्माण को रोकने और कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
  • नदी के तटों पर संरक्षण क्षेत्रों को बनाना और उन्हें संरक्षित करना नदियों के पारिस्थितिकी संतुलन को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का प्रबंधन करना नदियों के लिए महत्वपूर्ण है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करने के लिए सबसे अद्यतित विज्ञानिक तथ्यों और नीतियों का उपयोग करना जरूरी है।

 Positive सार

International Day of Action for Rivers 2024 नदियों को बचाने की एक पहल है। नदियां प्राकृतिक संसाधनों के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये जीवन के लिए भी सबसे जरूरी है। नदियां वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, जैसे कि परिवहन, उद्योग, और विभिन्न वित्तीय गतिविधियां। यही वजह है कि नदियां मानव समाज और प्राकृतिक परिसर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनकी संरक्षा और संवर्धन की जरूरत सबसे पहले आती है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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