Modi-Putin Meet: “भारत महान शक्ति और भरोसेमंद दोस्त”। यह वाक्य है रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जिन्होंने अपने भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात की और साथ ही व्यापार-निवेश जैसे कुल 28 विषयों पर भारत के साथ समझौता किया।
21वां भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन
6 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लदिमीर पुतिन 5 घंटे के लिए भारत पहुंचे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कुल 28 विषयों पर समझौता हुआ। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि इन समझौतों में व्यापार, ऊर्जा, संस्कृति, बौद्धिक संपदा, जनशक्ति, बैंकिंग में साइबर हमला, अकाउंटेंसी जैसे क्षेत्र शामिल हैं। भारत और रूस ने आने वाले 10 सालों के लिए रक्षा क्षेत्र में सहयोग के कार्यक्रम पर भी आपसी सहमति से हस्ताक्षर किए हैं।
भारत करेगा तेल और गैस क्षेत्र में निवेश
श्रृंगला ने बताया कि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। व्यापार और ट्रेड के क्षेत्र में दोनों देश अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए तेजी से काम करने पर सहमत हुए हैं। भारत और रूस ने तेल और गैस क्षेत्र के साथ-साथ पेट्रोकेमिकल सेक्टर में निवेश करने पर भी विचार किया है। दोनों देशों के भविष्य की योजनाओं में जलमार्ग, फर्टीलाइजर, कोकिंग कोल, स्टील, स्किल्ड मैनपावर सेक्टर जैसे क्षेत्र शामिल हैं जिनमें लंबे समय तक दोनों देशों के सहयोग भी शामिल है।
भारत-रूस इकोनॉमी को मिलेगा 6 लाख करोड़ रु. का बूस्टर डोज
मोदी और पुतिन की मुलाकात से दोनों देशों की इकोनॉमी को 6 लाख करोड़ रुपए (80 अरब डॉलर) का बूस्टर डोज देगी। दोनों देशों के बीच इस बात के लिए सहमति हुई है कि 2025 तक दो-तरफा निवेश को 50 अरब डॉलर और ट्रेड को 30 अरब डॉलर के तक ले जाया जाएगा।
भारत और रूस के बीच बैंकिंग संबंध भी काफी बेहतर हुए हैं। रूस के कई बैंकों ने भारत में अपने रिप्रजेंटेटिव ऑफिस/ब्रांच खोले हैं। इसी तरह, कॉमर्शियल बैंक ऑफ इंडिया LLC (SBI और केनरा बैंक का जॉइंट वेंचर) रूस में बैंकिंग सेवाएं दे रहे हैं।
भारत और रूस के रक्षामंत्री और विदेश मंत्री भारत पहुंचे और यहां उन्होंने अपने समकक्षों से बातचीत की। रूस चौथा देश है जिसके साथ भारत ने 2+2 वार्ता की है। 2+2 बैठक से दुनिया को यह संदेश जाता है की भारत का रूस के साथ सहयोग जारी रहेगा।
भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति का गर्मजोशी से स्वागत किया। पिछले कई दशकों में भारत ने अपने वैश्विक संबंधों को मजबूत किया है। वैश्विक स्तर पर कई मूलभूत बदलाव भी हुए हैं। कई तरह के राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिले हैं लेकिन इन सभी बदलावों के बीच भी भारत और रूस की दोस्ती स्थिर रही। दोनों देशों ने एक दूसरे का हमेशा सहयोग किया है साथ ही एक दूसरे की संवेदनशीलताओं का भी खासा ध्यान रखा है। यह दो देशों के बीच की दोस्ती का एक अनोखा और विश्वसनीय मॉडल है।