भारत को मिला पहला ह्यूमन कैपिटल बैंक, रोजगार के मामले में एक अनोखी पहल!



• मध्यप्रदेश में खुला देश का पहला ह्यूमन कैपिटल बैंक
• 18 से 35 की उम्र के 10वीं पास युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग
• ट्रेनिंग के बाद युवाओं को गारंटेड जॉब

देश का पहला ह्यूमन कैपिटल बैंक मध्यप्रदेश के शुजालपुर में शुरू हो चुका है। इस बैंक में पैसे नहीं लोग जमा होंगे। स्किल्ड लोग, जिन्हें नौकरी के लिए नौकरी परक कौशल की ट्रेनिंग दी जाएगी साथ ही गारंटेड जॉब भी इन स्किल्ड लोगों को मिलेगी। भविष्य में देश में जहां भी ऐसे लोगों की जरूरत होगी, इन्हें भेजा जा सकेगा। इस बैंक को स्टेट ओपन स्कूल बोर्ड के द्वारा शुरू किया गया है। प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार की ग्रीन जॉब काउंसिल और हैंडीक्राफ्ट एंड कार्पेट काउंसिल के बीच एमओयू किया गया है।

सार्वजनिक बैंकों से भी इसके लिए टाइअप किया गया है। इस सेंटर में एडमिशन के लिए स्कूलों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से दसवीं पास 18 से 35 साल तक के युवाओं का डिटेल मंगवाया गया है। बोर्ड के डायरेक्टर के अनुसार, ट्रेनिंग की नोडल एजेंसी एमपीकॉन है। जब यहां ट्रेंड युवाओं को नौकरी मिलेगी, तब उनकी सैलरी में से हर महीने 5 दिन के पैसे काट कर लागत की वसूली की जाएगी। यहां ट्रेनिंग देने वाली 20 लोगों की टीम को त्रिपुरा में प्रशिक्षण दिया गया है। यहां 4 सेगमेंट में ट्रेनिंग दी जाएगी।

बेम्बू कौशल

बेम्बू से घरों में कपड़े लटकाने के लिए हैंगर, पानी पीने की बोतल, फर्नीचर जैसी डेली यूज की चीजें बनाना सिखाया जाएगा। शुजालपुर सेंटर में एक हैंडलूम और तीन पैडल लूम लगाए जिनमें कपड़ा बनाना और डिजाइन करना सिखाया जाएगा। हायर इनकम ग्रुप के लोगों को उनकी पसंद के कपड़े बनाकर ट्रायल के लिए दिए जाएंगे। इसका एक पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है।

ग्रीन एनर्जी प्रोडक्ट

इसके अंतर्गत मिट्टी से बने प्रोडक्ट, शोपीस, गमले, गुल्लक जैसी चीजें बनाई जाएंगी। ग्रीन एनर्जी में हर गांव में प्रशिक्षित युवाओं को सेल्समैन टेक्नीशियन की नियुक्ति दी जाएगी। जहां ये 10 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल लगाने का कार्य करेंगे। इनकी एक शॉप भी खोली जाएगी, जिस पर एलईडी बल्ब बेचा जाएगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए हर गांव में एक चार्जिंग स्टेशन भी बनाया जा रहा है। यह प्रशिक्षित युवा स्कूल ड्यूटी करेंगे। इसके लिए इन्हें बैंक से लोन दिया जाएगा। लोन की गारंटी बोर्ड द्वारा मिलेगी।

ह्यूमन कैपिटल बैंक के बारे में

नेशनल पॉलिसी फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के आंकड़ों की मानें तो, हमारे यहां 62% जनसंख्या की उम्र 15 से 59 साल के बीच आती है। यह डेमोग्राफिक डिविडेंड अगले 25 साल तक रहने वाला है। भारत में अभी स्क्रीन फोर्स की संख्या सिर्फ 5.4% तक ही है, जबकि साउथ कोरिया में यह 96% और अमेरिका में 52% तक है। यूएनओ द्वारा तय किए गए ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स में बाल मृत्यु दर और प्राइमरी एजुकेशन को भी रखा गया है।

यूएन की टर्मिनोलॉजी में पहले से ही ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स शब्द का चलन है, कार्यशील बेरोजगार जनसंख्या को हमेशा भार ही समझा जाता रहा है। इसी नजरिए को बदलने के लिए कार्यशील जनसंख्या समूह को मानव धन यानी ह्यूमन कैपिटल मानते हुए इस प्रोजेक्ट को ह्यूमन कैपिटल बैंक कहा जा रहा है।

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Dr. Kirti Sisodia

Content Writer

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