INDIA-CENTRAL ASIA SUMMIT: भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की पहली महत्वपूर्ण बैठक संपन्न, मध्य एशियाई देशों के साथ मजबूत होंगे भारत के संबंध!

Highlights:
  • पहली India-Central Asia Summit की भारत ने की मेजबानी।
  • मध्य एशिया के 5 देश शामिल।
  • वर्चुअल माध्यम में की गई समिट।

India-Central Asia Summit क्या है?

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 जनवरी को मध्य एशिया के पांच देशों के साथ पहली बार एक शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। यह वर्चुअल समिट भारत और मध्य एशियाई देशों के साथ बेहतर संबध और अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और व्यापार, ऊर्जा जैसे विषयों पर बातचीत के रुप में काफी महत्वपूर्ण थी । इस वर्चुअल समिट में कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान शामिल थे।

India-Central Asia Summit का भारत पर प्रभाव

विदेश मंत्रालय सचिव(पश्चिम) रीनत संधू ने कहा कि- भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की पहली बैठक हाल के सालों में सभी मध्य एशियाई देशों के साथ हमारे निरंतर राजनयिक जुड़ाव का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह बैठक का एक महत्वपूर्ण परिणाम भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं के बीच हर दो साल में एक शिखर-स्तरीय बैठक आयोजित करने का समझौता था। अगला शिखर सम्मेलन 2024 में आयोजित होगा।


30 सालों के लिए एक रोडमैप तैयार होगा

विदेश मंत्रालय सचिव(पश्चिम) रीनत संधू ने बताया कि भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सुझाव दिया जिसमें कहा गया कि एकीकृत तरीके से कनेक्टिविटी और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभी देश अगले 30 सालों के लिए एक रोडमैप तैयार कर सकते हैं।

India-Central Asia Summit के चर्चा के विषय

  • सम्मेलन की बैठक में अफगानिस्तान में उभरती स्थिति और क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर इसके प्रभाव पर चर्चा की गई।
  • सभी देशों के नेताओं ने शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन को दोहराया।
  • सम्मेलन में नेताओं ने आपसी संपर्क के विस्तार के लिए मध्य एशियाई देशों और भारत के बीच बड़े पैमाने पर और दीर्घकालिक आर्थिक सहयोग को जारी रखने की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
  • तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने तापी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के महत्व पर जोर दिया।
  • समिट में शामिल सभी देशों ने चाबहार बंदरगाह को शामिल करने के भारत के प्रस्ताव का समर्थन किया।
  • तुर्कमेनिस्तान के अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के ढांचे के भीतर तुर्कमेनबाशी बंदरगाह को शामिल करने के प्रस्ताव का भी उल्लेख किया।

मध्य-एशिया में भारत की पकड़ होगी मजबूत

पिछले कुछ सालों में भारत और ज्यादा मजबूत बनकर उभरा है फिर वह चाहे सुरक्षा के लिहाज से हो या फिर आर्थिक दृष्टि से हो। मध्य एशियाई देशों में भी भारत का दबदबा बढ़ा है। भारत का इरादा मध्य-एशिया में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर रोक लगाना है।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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