Independence Day: प्रधानमंत्री ने की विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की घोषणा, जानें किन्हें मिलेगा फायदा?

Vishwakarma Kaushal Samman Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से “विश्वकर्मा योजन” लाने का वादा किया है। 15 हजार करोड़ रुपये से इस योजना की शुरूआत होगी। इस योजना के तहत कारीगरों और छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। खास बात है कि साल 2023 के आम बजट में भी सरकार ने विश्वकर्मा योजना के बारे में जानकारी दी थी। इसके बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि, “यह योजना छोटे कारीगरों को MSMEs के बारे में जानने और उनसे जुड़ने में सहयोग करेगी।”

विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस आम बजट के दौरान विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की घोषणा की थी। इसके तहत न केवल आर्थिक मदद दी जाएगी बल्कि लोहे और औजार बनाने की कला से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीकों की जानकारी और ग्रीन तकनीक, ब्रांड का प्रमोशन, स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ाव, डिजिटल पेमेंट्स और सामाजिक सुरक्षा जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा जाएगा।

प्रधानमंत्री ने क्या कहा-

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार देश के हर एक विश्वकर्मा को संस्थागत समर्थन उपलब्ध करवाएगी। इसके जरिए लोन लेने में आसानी होगी साथ ही हुनर, तकनीक के क्षेत्र में मदद, डिजिटल सशक्तिकरण, कच्चा माल और मार्केटिंग जैसी सुविधाओं से भी उन्हें जोड़ा जाएगा। मार्च में प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान विषय पर वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा था कि, “भारतीय लोकाचार में भगवान विश्वकर्मा की उच्च स्थिति और उन लोगों के सम्मान की एक समृद्ध परंपरा रही है, जो औजार के साथ अपने हाथों से काम करते हैं। कुछ क्षेत्रों के कारीगरों पर थोड़ा ध्यान दिया गया, वहीं बढ़ई लुहार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और दूसरे कारीगर, जैसे कई वर्ग, जो समाज के अभिन्न अंग हैं तथा बदलते समय के साथ देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद को तैयार कर रहे है उनकी उपेक्षा की गई।“

विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना की बड़ी बातें

आर्थिक सहयोग लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच को बढ़ाएगा।

कारीगरों को एडवांस स्किल ट्रेनिंग से जोड़ेगा।

बढ़ई लुहार, मूर्तिकार, राजमिस्त्री और दूसरे कारीगर जो इस क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें पेपरलेस पेमेंट्स से जोड़ेगा।

सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को नई ताकत देने का काम करेगा।

इसकी शुरुआत 13 से 15 हजार करोड़ रुपये से की जाएगी।

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Dr. Kirti Sisodhia

Content Writer

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