IAS अधिकारी सुशांत गौरव ने भारत के एक ऐसे जिले को देश का रागी कैपिटल बना दिया जो कभी कुपोषण का शिकार था। उनकी पहल पर जहां आज गुमला देश भर में अपनी अलग पहचान बना रहा है वहीं IAS सुशांत गौरव के काम की भी सराहना की जा रही है। जानते हैं क्या है पूरी कहानी….
रागी कैपिटल ऑफ़ इंडिया
सिर्फ18 महीनों की मेहनत से भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारी सुशांत गौरव ने झारखंड के एक ऐसे गांव को रागी कैपिटल ऑफ़ इंडिया (Ragi Capital of the country) बना दिया जो कभी गरीबी और कुपोषण से पीड़ित था। आज यहां की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है।
दरअसल झारखंड की राजधानी रांची से 100 किलोमीटर दूर स्थित है गुमला गांव। सिर्फ एक ही फसल धान पर निर्भर ये गांव काफी परेशानियों से गुजर रहा था। इस पर काम करते हुए IAS सुशांत ने हजारों किसानों, विशेषकर महिलाओं को पानी की अधिक खपत करने वाले धान की जगह रागी की खेती के लिए प्रेरणा दी।
रागी से बने उत्पाद बेचकर किसान कर रहे कमाई
यहां किसान अब रागी -आधारित उत्पाद बनाकर बेच रहे हैं। इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग से लेकर मार्केट की उपलब्धता की जानकारी दी गई। दरअसल ये गांव गंभीर एनीमिया और कुपोषण से लड़ रहा था। यही वजह है कि IAS सुशांत गौरव ने रागी के स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे मिशन के रूप में किसानों के बीच लोकप्रिय बनाने का काम किया।
कुपोषण मुक्त गुमला
रागी मिशन की शुरुआत के लिए IAS सुशांत गौरव ने गांव की करीब 5500 महिलाओं को समूहों में बांट दिया। महिलाओं को खेती की ट्रेनिंग दी। एक साल में ही स्व सहायता समूह की महिलाएं इससे काफी अच्छा मुनाफा कमा रही हैं। IAS की पहल से जिले में पहली बार रागी प्रोसेसिंग यूनिट की शुरूआत की गई। इस प्रोसेसिंग यूनिट की क्षमता इतनी है कि हर दिन 1 टन रागी का आटा बनाया जा सकता है। इन्हीं आटे से अलग-अलग अलग तरह के प्रोडक्ट्स बनाएं जाते हैं। आज महिलाएं रागी से लड्डू और नूडल्स जैसी चीजें बनाकर आर्थिक सशक्तिकरण की तरफ बढ़ चुकी हैं। यही नहीं कुपोषण की रोकथाम के लिए गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान भी यहां चलाया जा रहा है।
Positive सार
गुमला जिले की बेहतरी के लिए IAS सुशांत गौरव की पहल पर सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास,पब्लिक लाइब्रेरी, और Sports Equipment Bank भी बनाए गए हैं। एक अधिकारी की पहल से विकास की राह पर चल रहा ये जिला आज पूरे देश के लिए मिसाल बन गये हैं। आईएएस सुशांत गौरव को उनके इस उत्कृष्ट प्रयास के लिए IAS सुशांत प्रधानमंत्री पुरस्कार सम्मान भी दिया जा चुका है।