High Speed Road Corridor Project: किन शहरों को मिलेगा फायदा?

High Speed Road Corridor Project : किसी भी देश का इंफ्रास्ट्रक्चर उस देश के विकास का आधार होता है। शहरों और राज्यों के बीच की बेहतर कनेक्टिविटी रोजगार और व्यापार दोनों को बढ़ावा देती है। पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने राज्यों, शहरों और गांवों को सड़कों का जाल बिछाकर आपस में जोड़ा है। नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस वे के बनने से आवाजाही तो आसान हुई ही है साथ ही सड़क दुर्घटनाओं के दर में भी कमी आई है। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने देश में 8 नए हाई स्पीड रोड कॉरिडर प्रोजेक्ट को पास कर दिया है।

क्यों फायदेमंद हैं ये प्रोजेक्ट?

  • नए हाई स्पीड कॉरिडोर्स के बन जाने से उन शहरों और राज्यों को काफी फायदा होगा, जिन्हें ये हाई स्पीड रोड कॉरिडोर आपस में कनेक्ट करेंगी।
  • आगरा-ग्वालियर के बीच बन रहे कॉरिडोर से आगरा से ग्वालियर जाने में लगने वाला समय 50 फीसदी घट जाएगा।
  • रायपुर-रांची कॉरिडोर के बनने से छत्तीसगढ़ और झारखंड सीधे-सीधे कनेक्ट हो जाएंगे जिससे दोनों राज्यों का विकास तेज होगा।
  • कानपुर रिंग रोड के बनने से औद्योगिक नगरी कानपुर जाम से बचेगी।
  • अयोध्या रिंग रोड के बनने से अयोध्या एयरपोर्ट और लखनऊ एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसका सीधा-सीधा फायदा राम मंदिर दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को होगा। 

हाईवे और एक्सप्रेस वे कॉरिडोर में फर्क

  • हाईवे और एक्सप्रेस वे इन दोनों तरह की सड़कों में अंतर होता है। एक्सप्रेस वे की स्पीड लिमिटी 120 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जबकि हाईवे पर अगर 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड तय होती है।
  • एक्सप्रेसवे पर एक्सेस कंट्रोल होता है, मतलब सड़के 4 लेन, 6 लेन या 8 लेन होती है। आने और जाने के लिए बनाए गए अलग-अलग लेन के बीच बड़ा डिवाइडर बना होता है।
  • सड़क क्रॉस करने के लिए निश्चित दूसरी पर जगह तय की गई होती है।
  • एक्सप्रेस वे पर सड़कों के दोनों किनारों पर लोड़े की बॉउंड्री लगाई गई होती है ताकी कहीं से भी मवेशी या दूसरी गाड़ियां घुस कर ट्रैफिक को डिस्टर्ब ना करे।

इन बड़े शहरों को जोड़ेंगे ये कॉरिडोर

  • यह हाई स्पीड रोड कॉरिडोर देश के सभी बड़े राज्यों और शहरों को जोड़ रहा है।
  • इन कॉरिडोर से नॉर्थ-ईस्ट भी देश की मेन स्ट्रीम से जुड़ जाएगा।
  • इस नए रोड प्रोजेक्ट के पूरा होने से आगरा-ग्वालियर, कानपुर-लखनऊ, खड़गपुर-मोरेग्राम, रायपुर-रांची, अहमदाबाद, पुणे, नाशिक, अयोध्या और गुवाहाटी को सीधा-सीधा फायदा पहुंचेगा।
  • यह प्रोजेक्ट 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा और इसकी लंबाई 936 किलोमीटर होगी।

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Positive सार

सड़के या कनेक्टिविटी से किसी भी राज्य या शहर के विकास के लिए भी नए रास्ते खोलती हैं। आवागमन आसन होने से किसी भी शहर में बड़े उद्योग लगाए जा सकते हैं, एक शहर से दूसरे शहर जाने में समय की बचत के साथ इंधन की भी बचत होती है। इसके अलावा राज्यों के बीच होने वाले आयात-निर्यात से सामान पर लगने वाला ट्रांपोर्टेशन चार्ज भी कम होता। इस तरह से एक बेहतरीन रोड प्रोजेक्ट सीधे तौर पर देश की इकोनॉमी को रफ्तार देने में मदद करता है।

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Rishita Diwan

Content Writer

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